कहा-वर्तमान सत्र की चुनौतियों पर विजय पाने की जिम्मेदारी है हम सभी की  

अंबिकापुर। नवीन शिक्षा सत्र प्रारंभ होने के पूर्व कलेक्टर विलास भोसकर ने शिक्षकों को पत्र लिखकर उनका उत्साहवर्धन करते हुए हौसला बढ़ाया। उन्होंने पत्र में शिक्षकों से अपेक्षा की है कि गत शिक्षा सत्र की उपलब्धियों को हौसला बनाते हुए वर्तमान सत्र की चुनौतियों पर विजय पाने की जिम्मेदारी हम सभी के कंधों पर है। इस वर्ष भी हम शिक्षा सत्र का आरंभ शाला प्रवेश उत्सव के गरिमापूर्ण आयोजन के साथ करने जा रहे हैं। हमारी जिम्मेदारी होगी कि शाला जाने योग्य कोई भी बच्चे शाला अप्रवेशी या शाला त्यागी न रह जाए। ऐसे सभी विद्यार्थियों का चिन्हांकन कर शत-प्रतिशत शाला प्रवेश कराएं।
कलेक्टर ने कहा है कि शाला प्रवेश के बाद असली चुनौती होगी विद्यार्थियों का शाला में ठहराव एवं नियमित उपस्थित होना। यह कार्य शिक्षक एवं समुदाय के सहयोग से ही संभव होगा। समुदाय से सहयोग प्राप्त करने का सबसे सरल और सुलभ साधन है शाला प्रबंधन समिति। शाला प्रबंध समिति एवं पालक शिक्षक की नियमित बैठकें आयोजित करें। विद्यालय की आवश्यकताओं का आंकलन करते हुए स्थानीय और शासन स्तर पर किए जा सकने वाले समाधान का चिन्हांकन करें और समाधान हेतु ईमानदारी से सामूहिक प्रयास करें। नि:संदेह प्रयासों का प्रतिफल प्राप्त होगा। शिक्षकों का विद्यालय के प्रति लगाव और रचनात्मक रवैया विद्यालय को प्रगति की ओर ले जाता है। आप अपने विद्यालय के परिवेश एवं आवश्यकताओं से भली भांति परिचित होते हैं। अपनी क्षमता एवं दक्षता का उपयोग करते हुए इस परिवेश में विद्यालय की बेहतरी के उपाय आप से बेहतर किसी और के पास नहीं हैं। इसका उपयोग करते हुए अपने विद्यालय को प्रगति के शिखर तक ले जाने के सभी सार्थक प्रयास करें। उन्होंने कहा गत वर्षों में शैक्षणिक प्रविधियों पर विभिन्न नवाचारों के प्रयास किए गए हैं। इनमें विद्यालय के अनुकूल नवाचारों का चयन कर उन्हें लागू करना आपकी दक्षता को प्रदर्शित करता है। इसके लिए सतत अध्ययनशील और प्रयासरत रहें। अपने साथियों से चर्चा और स्वयं प्रयास के अवसर प्राप्त करते हुए अपनी दक्षता में वृद्धि करें। शिक्षा के क्षेत्र में तकनीकी के नित नए प्रयोग से अद्यतन होते हुए अध्ययन-अध्यापन में इसका सार्थक एवं समय अनुकूल उपयोग करने में दक्षता प्राप्त करें। शिक्षकों के साथ-साथ विद्यालयों की मॉनिटरिंग में लगे अधिकारी-कर्मचारी को भी प्रगतिशील और सहयोगात्मक रवैया अपनाने की आवश्यकता है। विद्यालय एवं शिक्षकों की समस्याओं का समय पर निराकरण कर उनकी दक्षताओं का समुचित उपयोग किया जा सकता है। साथ ही आवश्यकतानुसार अकादमिक समर्थन एवं निदानात्मक निरीक्षण की प्रवृत्ति विकसित करना आवश्यक है। उन्होंने पूर्ण विश्वास जताया है कि शिक्षा विभाग से जुड़े सभी अधिकारी-कर्मचारी अपने दायित्वों का समयबद्ध एवं निष्ठापूर्ण निर्वहन करते हुए सरगुजा जिले को शिक्षा के क्षेत्र में नवीन उचाईयों तक ले जाएंंगे।

Spread the love

You missed

कोई काम नहीं किया-अंबिकापुर। श्रमिक दिवस के अवसर पर गुरुवार 1 मई को जिला कांग्रेस कमेटी कार्यालय राजीव भवन में श्रमिकों का सम्मान कर उन्हें उपहार दिया गया। इस दौरान देश की श्रम शक्ति के उत्थान में कांग्रेस के योगदान और जाति जनगणना की कांग्रेस की मांग पूरी होने से श्रमिक वर्ग के उत्थान पर पड़ने वाले सकारात्मक प्रभाव पर चर्चा की गई। कार्यक्रम में शामिल श्रमिकों से बात कर उनकी समस्याओं को भी जाना गया। श्रमिकों की ओर से सर्वाधिक प्रमुख मांग असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों के लिए कार्यस्थल पर सुरक्षा के साथ ही पेंशन और बीमा की रही।आयोजित सभा को संबोधित करते हुए जिला कांग्रेस अध्यक्ष बालकृष्ण पाठक ने कहा कि देश के श्रमिकों के हित में कांग्रेस ने देश में अनेक योजनाएं लागू की, जिससे संगठित और असंगठित सभी क्षेत्र के श्रमिकों को लाभ हुआ। विगत 11 वर्ष के कार्यकाल में मोदी सरकार श्रमिकों के हित में कोई कार्य नहीं कर पाई है। कांग्रेस के द्वारा लाई गई मनरेगा योजना को लगातार कमजोर किया जा रहा है। पूंजीपतियों के हित में मजदूरी में वाजिब इजाफा नहीं हो रहा है। सरकार की पूंजीवादी नीति के कारण श्रमिकों के साथ ही देश के नौकरी पेशा मध्यम वर्ग की कमर टूट रही है, जबकि पूंजीपतियों की आमदनी में दिन दूनी रात चौगुनी बढ़ोतरी हो रही है। उन्होंने संसद में नेता प्रतिपक्ष और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राहुल गांधी का आभार जताते हुए कहा कि उनके मुहिम और दबाव में मोदी सरकार जातीय जनगणना कराने जा रही है। इसके आंकड़े आने पर सर्वाधिक फायदा श्रमिक वर्ग को होगा। पूर्व केबिनेट मंत्री अमरजीत भगत ने कहा कि विगत 11 वर्ष के मोदीजी के कार्यकाल में श्रमिकों और कृषकों के हित की बात स्थगित हो गई है। आय की असमानता बढ़ी है। जातीय जनगणना की मांग पूरी होने पर उन्होंने राहुल गांधी का आभार जताया है। श्रम कल्याण बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष शफी अहमद ने सभा में मौजूद श्रमिकों को जानकारी दी कि कांग्रेस के कार्यकाल में किस प्रकार श्रमिकों के हित की योजनाएं बनाई गई और उन्हें लागू किया गया। उन्होंने कार्यक्रम में मौजूद श्रमिकों को उन नियमों की जानकारी दी, जिससे श्रमिक कार्यस्थल की सुरक्षा के साथ ही भावी जीवन को भी सुरक्षित कर सकते हैं। कार्यक्रम को अन्य कई वक्ताओं ने संबोधित किया। इस मौके पर 20 सूत्रीय कार्यक्रम के पूर्व उपाध्यक्ष अजय अग्रवाल,  हेमंत सिन्हा, मो. इस्लाम, अरविंद सिंह गप्पू, दुर्गेश गुप्ता, अनिल सिंह, शफीक खान, रामविनय सिंह, मेराज गुड्डू, जे. कुजूर, लालचंद यादव, अनूप मेहता, अशफाक अली, जीवन यादव, आतिश शुक्ला, शिवप्रसाद अग्रहरि, दीपक मिश्रा, संजय सिंह, दिलीप धर, शकीला सिद्दीकी, अनिता सिन्हा, चंचला सांडिल्य, रूपा ताम्रकार, अंजू सिंह, ममता सिंह, विजय बेक, अनुराग नामदेव, आदर्श बंसल, दिवाकर दुबे, इश्तेयाक खान मौजूद थे।