प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र दरिमा के कर्मचारी ने की कलेक्टर से लिखित शिकायत
अंबिकापुर। दरिमा प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र में पदस्थ स्वच्छक व पोस्टमार्टम दौरान चीर-फाड़ करने वाले कर्मचारी ने सरगुजा कलेक्टर के नाम लिखित शिकायत पत्र में प्रभारी चिकित्सा अधिकारी पर गंभीर आरोप लगाए हैं।
सुदर्शन मिर्धा नामक कर्मचारी ने शिकायत पत्र में उल्लेख किया है कि वह अस्पताल में सफाई का काम करने के साथ ही पोस्टमार्टम भी करता है। सुबह के समय में पोस्टमार्टम होने से दोनों काम एक साथ करने में दिक्कत आती है। प्रभारी चिकित्सा अधिकारी डॉ. जनेश्वर सिंह के आदेश पर वह कभी-कभी पांच बजे के बाद भी पोस्टमार्टम करता है। मर्च्युरी में लाइट की व्यवस्था नहीं होने के कारण पोस्टमार्टम के कार्य में दिक्कत आती है, इसकी सूचना प्रभारी चिकित्सा अधिकारी को देने के बाद भी उनके द्वारा इसका समाधान नहीं किया गया। आरोप यह भी है कि प्रभारी चिकित्सा अधिकारी पोस्टमार्टम करते समय मर्च्युरी के के अंदर नहीं आते हंै, बाहर रह कर उससे पूछते रहते हैं। कर्मचारी का कहना है कि चिकित्सक को वह बताता कुछ और है और वे लिखते कुछ और हैं। इस कारण मौत का स्पष्ट रूप से पता नहीं चल पाता है। सुदर्शन में आगे उल्लेख किया है कि कंठी के विक्रम राजवाड़े नामक व्यक्ति का शरीर पर चोट और शरीर काला हो गया था, संदेह के बाद भी प्रभारी चिकित्सा अधिकारी ने इसे साधारण मौत घोषित कर दिया। 14/04/2020 की थाना से मुंशी के माध्यम से उसे पता चला कि ग्राम कंठी का दयाशंकर सिंह उम्र 62 वर्ष फांसी लगाया है। इसके बाद उसे पोस्टमार्टम करने के लिए मर्च्युरी में बुलाया गया। यहां मृतक का शव और प्रभारी चिकित्सा अधिकारी नहीं पहुंचे। बहुत देर प्रतीक्षा करने के बाद मुंशी से खबर मिला कि डॉ. साहब मृतक के घर में आकर पोस्टमार्टम कर दिए थे। इसके बाद जब वह डॉक्टर साहब से पूछा कि पोस्टमार्टम कब होगा तो उन्होंने बताया कि पोस्टमार्टम हो गया है। इस बात को किसी से साझा नहीं करने के लिए चिकित्सक ने उसे डराया, भगा देने और नौकरी में दिक्कत आने की बात कहने लगे। सुदर्शन में आगे बताया है कि माता-पिता के इलाज एवं भरण पोषण के साथ पत्नी और चार बच्चों की जिम्मेदारी उसके ऊपर होने के कारण वह डर गया था। वर्तमान में प्रभारी चिकित्सा अधिकारी द्वारा ज्यादा परेशान करने के कारण पूरा परिवार मानसिक रूप से परेशान है। सुदर्शन मिर्धा ने सरगुजा कलेक्टर से उचित कार्रवाई करने की मांग की है।
बयान

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कोई काम नहीं किया-अंबिकापुर। श्रमिक दिवस के अवसर पर गुरुवार 1 मई को जिला कांग्रेस कमेटी कार्यालय राजीव भवन में श्रमिकों का सम्मान कर उन्हें उपहार दिया गया। इस दौरान देश की श्रम शक्ति के उत्थान में कांग्रेस के योगदान और जाति जनगणना की कांग्रेस की मांग पूरी होने से श्रमिक वर्ग के उत्थान पर पड़ने वाले सकारात्मक प्रभाव पर चर्चा की गई। कार्यक्रम में शामिल श्रमिकों से बात कर उनकी समस्याओं को भी जाना गया। श्रमिकों की ओर से सर्वाधिक प्रमुख मांग असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों के लिए कार्यस्थल पर सुरक्षा के साथ ही पेंशन और बीमा की रही।आयोजित सभा को संबोधित करते हुए जिला कांग्रेस अध्यक्ष बालकृष्ण पाठक ने कहा कि देश के श्रमिकों के हित में कांग्रेस ने देश में अनेक योजनाएं लागू की, जिससे संगठित और असंगठित सभी क्षेत्र के श्रमिकों को लाभ हुआ। विगत 11 वर्ष के कार्यकाल में मोदी सरकार श्रमिकों के हित में कोई कार्य नहीं कर पाई है। कांग्रेस के द्वारा लाई गई मनरेगा योजना को लगातार कमजोर किया जा रहा है। पूंजीपतियों के हित में मजदूरी में वाजिब इजाफा नहीं हो रहा है। सरकार की पूंजीवादी नीति के कारण श्रमिकों के साथ ही देश के नौकरी पेशा मध्यम वर्ग की कमर टूट रही है, जबकि पूंजीपतियों की आमदनी में दिन दूनी रात चौगुनी बढ़ोतरी हो रही है। उन्होंने संसद में नेता प्रतिपक्ष और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राहुल गांधी का आभार जताते हुए कहा कि उनके मुहिम और दबाव में मोदी सरकार जातीय जनगणना कराने जा रही है। इसके आंकड़े आने पर सर्वाधिक फायदा श्रमिक वर्ग को होगा। पूर्व केबिनेट मंत्री अमरजीत भगत ने कहा कि विगत 11 वर्ष के मोदीजी के कार्यकाल में श्रमिकों और कृषकों के हित की बात स्थगित हो गई है। आय की असमानता बढ़ी है। जातीय जनगणना की मांग पूरी होने पर उन्होंने राहुल गांधी का आभार जताया है। श्रम कल्याण बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष शफी अहमद ने सभा में मौजूद श्रमिकों को जानकारी दी कि कांग्रेस के कार्यकाल में किस प्रकार श्रमिकों के हित की योजनाएं बनाई गई और उन्हें लागू किया गया। उन्होंने कार्यक्रम में मौजूद श्रमिकों को उन नियमों की जानकारी दी, जिससे श्रमिक कार्यस्थल की सुरक्षा के साथ ही भावी जीवन को भी सुरक्षित कर सकते हैं। कार्यक्रम को अन्य कई वक्ताओं ने संबोधित किया। इस मौके पर 20 सूत्रीय कार्यक्रम के पूर्व उपाध्यक्ष अजय अग्रवाल,  हेमंत सिन्हा, मो. इस्लाम, अरविंद सिंह गप्पू, दुर्गेश गुप्ता, अनिल सिंह, शफीक खान, रामविनय सिंह, मेराज गुड्डू, जे. कुजूर, लालचंद यादव, अनूप मेहता, अशफाक अली, जीवन यादव, आतिश शुक्ला, शिवप्रसाद अग्रहरि, दीपक मिश्रा, संजय सिंह, दिलीप धर, शकीला सिद्दीकी, अनिता सिन्हा, चंचला सांडिल्य, रूपा ताम्रकार, अंजू सिंह, ममता सिंह, विजय बेक, अनुराग नामदेव, आदर्श बंसल, दिवाकर दुबे, इश्तेयाक खान मौजूद थे।