एजेंटों पर निवेशकों ने बनाया दबाव तो पहुंचे थाना, रिपोर्ट दर्ज
अंबिकापुर। शहर के रिंग रोड नमनाकला में संचालित वेलफेयर बिल्डिंग एण्ड ई-स्टेट्स प्राइवेट लिमिटेड कंपनी में करोड़ों रुपये निवेश करने के बाद लोग भटक रहे हैं। कंपनी के द्वारा स्थानीय स्तर पर कारोबार समेटने से चिंतित एजेंटों ने इसकी रिपोर्ट गांधीनगर थाना में दर्ज कराई है। कंपनी के द्वारा निवेशकों को पांच वर्ष में दो गुना राशि देने का झांसा दिया गया था। कंपनी के संचालक सेमीनार व अन्य माध्यमों से बेरोजगारों को विश्वास में लेकर एजेंट तैयार किए, जिन्होंने कंपनी के हवाले सैकड़ों लोगों के मेहनत की कमाई कर दी थी। रुपये नहीं मिलने पर एजेंटों ने इसकी रिपोर्ट गांधीनगर थाना में दर्ज कराई है।

जानकारी के मुताबिक वेलफेयर बिल्डिंग एण्ड ई-स्टेट्स प्राईवेट लिमिटेड का पंजीकृत कार्यालय असिलमेटा विशाखापटनम और हेड ऑफिस आरटीसी कांप्लेक्स असिलमेट्टा विशाखापट्टनम आंध्रप्रदेश में है, जिसके मैनेजिंग डायरेक्टर विजय प्रसाद माला और डायरेक्टर वी. संध्यावाली हंै। कपंनी के सलाहकार सदस्य बलराम पाठक निवासी ग्राम लोहड़ी पलामू झारखण्ड, रीजनल इंचार्ज नवनीत कुमार पाण्डेय निवासी किलबुर्ण कॉलोनी हिनो डोरण्डा रांची, अर्जन प्रजापति निवासी औरंगाबाद बिहार, जोनल इंचार्ज अखिलेश प्रजापति निवासी ग्राम सिन्दुरिया (चण्डी) थाना डाल्टेनगंज हैं। कंपनी का रीजनल कार्यालय डाल्टेनगंज पलामू में स्थित है, इसके शशिभूषण चैरसिया रीजनल ऑफिसर हैं, जिन्होंने वर्ष 2007 में नमनाकला रिंग रोड़ में महामाया पेट्रोल पंप के सामने अंबिकापुर में वेलफेयर कंपनी का ब्रांच चालू करवाया था। देवराज यादव निवासी आमगांव कमलेश्वरपुर सरगुजा ने पुलिस को बताया है कि ब्रांच चालू होने के पश्चात शशिभूषण चैरसिया द्वारा सेमीनार एवं बैठक लेकर कंपनी की योजना के बारे में बताया गया था। वेलफेयर कंपनी का रजिस्ट्रेशन प्रमाण पत्र एवं अन्य दस्तावेज देखकर इनके झांसे में कई शिक्षित बेरोजगार आ गए। शासन-प्रशासन को भी कंपनी का ब्रांच खोलने की सूचना दी गई थी। कंपनी के योजना के अनुसार निवेशकों का रकम शशिभूषण चैरसिया के बताए अनुसार रीयल स्टेट में जमीन में इन्वेस्ट किया जा रहा था। इसका बांड पेपर जारी किया गया, जिसमें कंपनी स्वयं के जमीन का प्लाट नंबर एवं रकबा भी लिखकर देती है। बताया गया था कि कंपनी निवेशकों का पैसा क्षतिपूर्ति के साथ समय पर वापस करने में असमर्थ होती है तो निवेशक बांड में वर्णित जमीन को कंपनी से प्राप्त कर सकते हैं या कंपनी उक्त जमीन को विक्रय कर निवेशकों का पैसा वापस करेगी। एजेंटों को निवेशकों का रकम निवेश कराने के एवज में कंपनी कमीशन देती थी। कंपनी ने वर्ष 2007 से 2015 तक निवेशकों का रकम कंपनी की योजना अनुसार समय पर भुगतान किया, जिस कारण लोगों का विश्वास बढ़ गया था। वर्ष 2016 से निवेशकों का जमा रकम कंपनी द्वारा समय पर भुगतान नहीं करने पर एजेंटों पर रकम वापसी के लिए दबाव की स्थिति बनने लगी। ऐसे में एजेंट कंपनी के हेड ऑफिस विशाखापट्टनम आंध्रप्रदेश जाकर मैनेजिंग डायरेक्टर एवं डायरेक्टर से मिले और रकम भुगतान नहीं होने से मारपीट, थाने में शिकायत जैसी बन रही स्थिति से अवगत कराया, जिस पर उन्होंने आश्वासन दिया कि कंपनी अभी चल रही है। कुछ राज्यों में कंपनी की ब्रांच किसी कारण से बंद है, परंतु निवेशकों का जमा रकम वापस होगा। इसके बाद 5-6 वर्ष बीत गए लेकिन निवेशकों को जमा रकम वापस नहीं मिल पाई है। तत्संबंध में मुख्यमंत्री छ.ग. शासन तक पूर्व में एजेंट गुहार लगा चुके हैं। निवेशकों के द्वारा रुपये वापस दिलवाने के लिए बनाए जा रहे दबाव से परेशान एजेंटों की रिपोर्ट पर गांधीनगर थाना पुलिस ने धारा 34, 420 का मामला दर्ज कर लिया है।

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कोई काम नहीं किया-अंबिकापुर। श्रमिक दिवस के अवसर पर गुरुवार 1 मई को जिला कांग्रेस कमेटी कार्यालय राजीव भवन में श्रमिकों का सम्मान कर उन्हें उपहार दिया गया। इस दौरान देश की श्रम शक्ति के उत्थान में कांग्रेस के योगदान और जाति जनगणना की कांग्रेस की मांग पूरी होने से श्रमिक वर्ग के उत्थान पर पड़ने वाले सकारात्मक प्रभाव पर चर्चा की गई। कार्यक्रम में शामिल श्रमिकों से बात कर उनकी समस्याओं को भी जाना गया। श्रमिकों की ओर से सर्वाधिक प्रमुख मांग असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों के लिए कार्यस्थल पर सुरक्षा के साथ ही पेंशन और बीमा की रही।आयोजित सभा को संबोधित करते हुए जिला कांग्रेस अध्यक्ष बालकृष्ण पाठक ने कहा कि देश के श्रमिकों के हित में कांग्रेस ने देश में अनेक योजनाएं लागू की, जिससे संगठित और असंगठित सभी क्षेत्र के श्रमिकों को लाभ हुआ। विगत 11 वर्ष के कार्यकाल में मोदी सरकार श्रमिकों के हित में कोई कार्य नहीं कर पाई है। कांग्रेस के द्वारा लाई गई मनरेगा योजना को लगातार कमजोर किया जा रहा है। पूंजीपतियों के हित में मजदूरी में वाजिब इजाफा नहीं हो रहा है। सरकार की पूंजीवादी नीति के कारण श्रमिकों के साथ ही देश के नौकरी पेशा मध्यम वर्ग की कमर टूट रही है, जबकि पूंजीपतियों की आमदनी में दिन दूनी रात चौगुनी बढ़ोतरी हो रही है। उन्होंने संसद में नेता प्रतिपक्ष और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राहुल गांधी का आभार जताते हुए कहा कि उनके मुहिम और दबाव में मोदी सरकार जातीय जनगणना कराने जा रही है। इसके आंकड़े आने पर सर्वाधिक फायदा श्रमिक वर्ग को होगा। पूर्व केबिनेट मंत्री अमरजीत भगत ने कहा कि विगत 11 वर्ष के मोदीजी के कार्यकाल में श्रमिकों और कृषकों के हित की बात स्थगित हो गई है। आय की असमानता बढ़ी है। जातीय जनगणना की मांग पूरी होने पर उन्होंने राहुल गांधी का आभार जताया है। श्रम कल्याण बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष शफी अहमद ने सभा में मौजूद श्रमिकों को जानकारी दी कि कांग्रेस के कार्यकाल में किस प्रकार श्रमिकों के हित की योजनाएं बनाई गई और उन्हें लागू किया गया। उन्होंने कार्यक्रम में मौजूद श्रमिकों को उन नियमों की जानकारी दी, जिससे श्रमिक कार्यस्थल की सुरक्षा के साथ ही भावी जीवन को भी सुरक्षित कर सकते हैं। कार्यक्रम को अन्य कई वक्ताओं ने संबोधित किया। इस मौके पर 20 सूत्रीय कार्यक्रम के पूर्व उपाध्यक्ष अजय अग्रवाल,  हेमंत सिन्हा, मो. इस्लाम, अरविंद सिंह गप्पू, दुर्गेश गुप्ता, अनिल सिंह, शफीक खान, रामविनय सिंह, मेराज गुड्डू, जे. कुजूर, लालचंद यादव, अनूप मेहता, अशफाक अली, जीवन यादव, आतिश शुक्ला, शिवप्रसाद अग्रहरि, दीपक मिश्रा, संजय सिंह, दिलीप धर, शकीला सिद्दीकी, अनिता सिन्हा, चंचला सांडिल्य, रूपा ताम्रकार, अंजू सिंह, ममता सिंह, विजय बेक, अनुराग नामदेव, आदर्श बंसल, दिवाकर दुबे, इश्तेयाक खान मौजूद थे।