बिश्रामपुर। रेलवे में 11 वर्ष बाद हो रहे यूनियन के मान्यता चुनाव को लेकर इन दिनों सरगर्मी बढ़ी हुई है। 4 दिसम्बर को मतदान के प्रथम दिवस अंबिकापुर पोलिंग बूथ में समाचार लिखे जाने तक 144 मतदाताओं में 99 लोगों ने अपने मताधिकार का प्रयोग कर अपने पसंद की यूनियन के पक्ष में मतदान किया, जबकि 240 मतदाताओं वाली सूरजपुर पोलिंग बूथ में 141 मतदाता मतदान कर चुके थे। अभी दो दिन और मतदान का समय बचा है। ऐसे में उम्मीद की जा रही है कि सीआईसी सेक्शन में लगभग शत प्रतिशत तक मतदान हो सकता है। ज्ञात हो कि ग्यारह साल के लंबे अंतराल के बाद रेल्वे में यूनियनों के मान्यता के लिए मतदान हो रहा है। इस बार परिस्थितियां बिल्कुल ही बदली हुई प्रतीत हो रही हैं। वर्तमान में आधा दर्जन यूनियन मान्यता के लिए चुनाव लड़ रहे हैं। जिसमें मतपत्र में क्रमानुसार अखंड रेलवे कर्मचारी संघ जिसका चुनाव चिन्ह टेबल छाप है। दूसरे नंबर पर मजदूर संघ है जो दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे मजदूर संघ मुट्ठी में धान की बाली चुनाव चिन्ह के साथ अपनी उपस्थिति बताने प्रयासरत है, तीसरे नंबर पर रेल मजदूर यूनियन आरएमयू जो एचएमएस से संबद्ध है जो चक्र व हल छाप के साथ मैदान में वोट मांग रही है। वर्तमान में लीडिंग यूनियन साउथ ईस्ट सेंट्रल रेलवे मजदूर कांग्रेस एसईसीआरएमसी दो मजदूर के चुनाव चिन्ह के साथ मैदान में अपने पक्ष में माहौल तैयार करने एड़ी चोटी लगाया हुआ है। एसईसीआरएसयू लैंप छाप के साथ मैदान में उतरी है। वहीं छठवें नंबर पर स्वतंत्र रेलवे बहुजन कर्मचारी यूनियन किताब पेन चुनाव चिन्ह के साथ मैदान में अपनी उपस्थिति दिखाने जद्दोजहद कर रही है। दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे मुख्यालय कार्मिक विभाग बिलासपुर के देखरेख में हो रहे चुनाव में 4, 5,v6 दिसंबर को चुनाव के लिए मतदान संपन्न होंगे। बताया जा रहा है कि वर्ष 2007 व 2013 के बाद अब ग्यारह वर्ष बाद मान्यता हेतु ट्रेड यूनियन चुनाव हो जा रहे हैं। वर्तमान में अलग अलग यूनियन के बीच पोस्टर युद्ध छिड़ा हुआ है। अंबिकापुर दर्रीटोला सेक्शन में साढ़े पांच सौ रेल कर्मी यूनियन चुनाव के मतदान में हिस्सा लेंगे। इस सेक्शन में मतदान के लिए तीन स्थानों अंबिकापुर, सूरजपुर, बैकुंठपुर स्टेशन में बूथ बनाए गए हैं, जहां आगामी 4, 5, 6 दिसंबर को प्रातः आठ से शाम पांच बजे तक मतदान की प्रक्रिया संपन्न कराई जाएगी।

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कोई काम नहीं किया-अंबिकापुर। श्रमिक दिवस के अवसर पर गुरुवार 1 मई को जिला कांग्रेस कमेटी कार्यालय राजीव भवन में श्रमिकों का सम्मान कर उन्हें उपहार दिया गया। इस दौरान देश की श्रम शक्ति के उत्थान में कांग्रेस के योगदान और जाति जनगणना की कांग्रेस की मांग पूरी होने से श्रमिक वर्ग के उत्थान पर पड़ने वाले सकारात्मक प्रभाव पर चर्चा की गई। कार्यक्रम में शामिल श्रमिकों से बात कर उनकी समस्याओं को भी जाना गया। श्रमिकों की ओर से सर्वाधिक प्रमुख मांग असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों के लिए कार्यस्थल पर सुरक्षा के साथ ही पेंशन और बीमा की रही।आयोजित सभा को संबोधित करते हुए जिला कांग्रेस अध्यक्ष बालकृष्ण पाठक ने कहा कि देश के श्रमिकों के हित में कांग्रेस ने देश में अनेक योजनाएं लागू की, जिससे संगठित और असंगठित सभी क्षेत्र के श्रमिकों को लाभ हुआ। विगत 11 वर्ष के कार्यकाल में मोदी सरकार श्रमिकों के हित में कोई कार्य नहीं कर पाई है। कांग्रेस के द्वारा लाई गई मनरेगा योजना को लगातार कमजोर किया जा रहा है। पूंजीपतियों के हित में मजदूरी में वाजिब इजाफा नहीं हो रहा है। सरकार की पूंजीवादी नीति के कारण श्रमिकों के साथ ही देश के नौकरी पेशा मध्यम वर्ग की कमर टूट रही है, जबकि पूंजीपतियों की आमदनी में दिन दूनी रात चौगुनी बढ़ोतरी हो रही है। उन्होंने संसद में नेता प्रतिपक्ष और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राहुल गांधी का आभार जताते हुए कहा कि उनके मुहिम और दबाव में मोदी सरकार जातीय जनगणना कराने जा रही है। इसके आंकड़े आने पर सर्वाधिक फायदा श्रमिक वर्ग को होगा। पूर्व केबिनेट मंत्री अमरजीत भगत ने कहा कि विगत 11 वर्ष के मोदीजी के कार्यकाल में श्रमिकों और कृषकों के हित की बात स्थगित हो गई है। आय की असमानता बढ़ी है। जातीय जनगणना की मांग पूरी होने पर उन्होंने राहुल गांधी का आभार जताया है। श्रम कल्याण बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष शफी अहमद ने सभा में मौजूद श्रमिकों को जानकारी दी कि कांग्रेस के कार्यकाल में किस प्रकार श्रमिकों के हित की योजनाएं बनाई गई और उन्हें लागू किया गया। उन्होंने कार्यक्रम में मौजूद श्रमिकों को उन नियमों की जानकारी दी, जिससे श्रमिक कार्यस्थल की सुरक्षा के साथ ही भावी जीवन को भी सुरक्षित कर सकते हैं। कार्यक्रम को अन्य कई वक्ताओं ने संबोधित किया। इस मौके पर 20 सूत्रीय कार्यक्रम के पूर्व उपाध्यक्ष अजय अग्रवाल,  हेमंत सिन्हा, मो. इस्लाम, अरविंद सिंह गप्पू, दुर्गेश गुप्ता, अनिल सिंह, शफीक खान, रामविनय सिंह, मेराज गुड्डू, जे. कुजूर, लालचंद यादव, अनूप मेहता, अशफाक अली, जीवन यादव, आतिश शुक्ला, शिवप्रसाद अग्रहरि, दीपक मिश्रा, संजय सिंह, दिलीप धर, शकीला सिद्दीकी, अनिता सिन्हा, चंचला सांडिल्य, रूपा ताम्रकार, अंजू सिंह, ममता सिंह, विजय बेक, अनुराग नामदेव, आदर्श बंसल, दिवाकर दुबे, इश्तेयाक खान मौजूद थे।