हड्डी रोग विशेषज्ञ चिकित्सक का वाड्रफनगर से नहीं छूटा मोह
बलरामपुर। बलरामपुर-रामानुजगंज जिले का चर्चित जिला चिकित्सालय एक बार फिर सुर्खियों में है। इस बार वजह है वहां पदस्थ प्रभारी सिविल सर्जन डॉक्टर व हड्डी रोग विशेषज्ञ आर.बी. प्रजापति की कथित दबंगई। वे वर्तमान में बलरामपुर जिला चिकित्सालय में प्रभारी सिविल सर्जन भी हैं।
जानकारी के मुताबिक डॉ. प्रजापति ने अपने नाम पर दो शासकीय क्वार्टर आवंटित करवाया है। पहले वाड्राफनगर में पदस्थ रहते हुए वे वहां एक शासकीय आवास का लाभ लिए जो उनका अधिकार था, लेकिन बलरामपुर जिला अस्पताल में पदस्थ होने के बावजूद वे उस शासकीय क्वार्टर का मोह नहीं छोड़ पाए हैं। इस आवास से इन्हें इतना लगाव है कि वे इसे छोड़ने से इन्कार कर चुके हैं, यहां वे अपना निजी क्लीनिक चला रहे हैं। सूत्रों का कहना है कि डॉ. प्रजापति हर शनिवार शाम को बलरामपुर से वाड्रफनगर के लिए रवाना हो जाते हैं और अपने शासकीय आवास में क्लीनिक चलाते हैं। यह भी जानकारी मिली है कि वे कई बार मुख्यालय से अधिक समय वाड्रफनगर स्थित क्लीनिक में ही बिताते हैं। इसे लेकर कई कर्मचारी व अन्य लोगों ने संबंधित विभाग के अधिकारियों को मौखिक रूप से अवगत कराया है, लेकिन कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई है। विभाग के वरिष्ठ अधिकारी भी इस मामले में कोई प्रतिक्रिया देने से बचते नजर आते हैं, जिससे प्रतीत होता है कि इनका वरदहस्त उन्हें मिला हुआ है।
शासकीय आवास की समस्या से कोई लेना-देना नहीं
बता दें कि जिले में शासकीय आवास का संकट है। वहीं एक वरिष्ठ अधिकारी अपने नाम पर दो शासकीय क्वार्टर में कब्जा जमाए बैठे हैं। ऐसे में छोटे कर्मचारियों को आवास की समस्या से जूझना ही पड़ेगा। कई कर्मचारी निजी मकान में किराया देकर रहने विवश हैं। इधर डॉक्टर साहब का एक ही जिले में दो शासकीय आवासों का लाभ लेने की कई तरह की प्रतिक्रियाएं सामने आ रही हैं। माजरा सामने आने के बाद अब सभी की नजरें जिला प्रशासन और संबंधित विभाग पर टिकी हुई हैं। देखते हैं समाचार की सुर्खियों में आने के बाद प्रशासन मामले में क्या कदम उठाता है।
बयान
इसकी जानकारी आपके द्वारा दी गई है। मामले में जांच के बाद दोषी के विरूद्ध कार्रवाई की जाएगी।
रिमिजीयूश एक्का, कलेक्टर बलरामपुर

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कोई काम नहीं किया-अंबिकापुर। श्रमिक दिवस के अवसर पर गुरुवार 1 मई को जिला कांग्रेस कमेटी कार्यालय राजीव भवन में श्रमिकों का सम्मान कर उन्हें उपहार दिया गया। इस दौरान देश की श्रम शक्ति के उत्थान में कांग्रेस के योगदान और जाति जनगणना की कांग्रेस की मांग पूरी होने से श्रमिक वर्ग के उत्थान पर पड़ने वाले सकारात्मक प्रभाव पर चर्चा की गई। कार्यक्रम में शामिल श्रमिकों से बात कर उनकी समस्याओं को भी जाना गया। श्रमिकों की ओर से सर्वाधिक प्रमुख मांग असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों के लिए कार्यस्थल पर सुरक्षा के साथ ही पेंशन और बीमा की रही।आयोजित सभा को संबोधित करते हुए जिला कांग्रेस अध्यक्ष बालकृष्ण पाठक ने कहा कि देश के श्रमिकों के हित में कांग्रेस ने देश में अनेक योजनाएं लागू की, जिससे संगठित और असंगठित सभी क्षेत्र के श्रमिकों को लाभ हुआ। विगत 11 वर्ष के कार्यकाल में मोदी सरकार श्रमिकों के हित में कोई कार्य नहीं कर पाई है। कांग्रेस के द्वारा लाई गई मनरेगा योजना को लगातार कमजोर किया जा रहा है। पूंजीपतियों के हित में मजदूरी में वाजिब इजाफा नहीं हो रहा है। सरकार की पूंजीवादी नीति के कारण श्रमिकों के साथ ही देश के नौकरी पेशा मध्यम वर्ग की कमर टूट रही है, जबकि पूंजीपतियों की आमदनी में दिन दूनी रात चौगुनी बढ़ोतरी हो रही है। उन्होंने संसद में नेता प्रतिपक्ष और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राहुल गांधी का आभार जताते हुए कहा कि उनके मुहिम और दबाव में मोदी सरकार जातीय जनगणना कराने जा रही है। इसके आंकड़े आने पर सर्वाधिक फायदा श्रमिक वर्ग को होगा। पूर्व केबिनेट मंत्री अमरजीत भगत ने कहा कि विगत 11 वर्ष के मोदीजी के कार्यकाल में श्रमिकों और कृषकों के हित की बात स्थगित हो गई है। आय की असमानता बढ़ी है। जातीय जनगणना की मांग पूरी होने पर उन्होंने राहुल गांधी का आभार जताया है। श्रम कल्याण बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष शफी अहमद ने सभा में मौजूद श्रमिकों को जानकारी दी कि कांग्रेस के कार्यकाल में किस प्रकार श्रमिकों के हित की योजनाएं बनाई गई और उन्हें लागू किया गया। उन्होंने कार्यक्रम में मौजूद श्रमिकों को उन नियमों की जानकारी दी, जिससे श्रमिक कार्यस्थल की सुरक्षा के साथ ही भावी जीवन को भी सुरक्षित कर सकते हैं। कार्यक्रम को अन्य कई वक्ताओं ने संबोधित किया। इस मौके पर 20 सूत्रीय कार्यक्रम के पूर्व उपाध्यक्ष अजय अग्रवाल,  हेमंत सिन्हा, मो. इस्लाम, अरविंद सिंह गप्पू, दुर्गेश गुप्ता, अनिल सिंह, शफीक खान, रामविनय सिंह, मेराज गुड्डू, जे. कुजूर, लालचंद यादव, अनूप मेहता, अशफाक अली, जीवन यादव, आतिश शुक्ला, शिवप्रसाद अग्रहरि, दीपक मिश्रा, संजय सिंह, दिलीप धर, शकीला सिद्दीकी, अनिता सिन्हा, चंचला सांडिल्य, रूपा ताम्रकार, अंजू सिंह, ममता सिंह, विजय बेक, अनुराग नामदेव, आदर्श बंसल, दिवाकर दुबे, इश्तेयाक खान मौजूद थे।