अंबिकापुर। छत्तीसगढ़ से मानसून की विदाई पूर्व गर्मी का एहसास होने लगा था, इस पर दो दिनों से रूक-रूककर हुई हल्की, मध्यम और तेज बारिश ने विराम लगा दिया है। बारिश के मौसम पर गौर करें तो एक जून से 30 सितंबर के बीच की अवधि को मानसून काल माना जाता है। इस बीच सरगुजा में रिकार्ड तोड़ बारिश का संकेत मिल चुका है, जिसे मौसम वैज्ञानिकों ने भी स्वीकार किया है। इसी क्रम में हालिया बारिश पर गौर करें तो मंगलवार और बुधवार को हुई बारिश के बीच अंबिकापुर में 19.2 मिलीमीटर वर्षा दर्ज की गई है।
मौसम वैज्ञानिक एएम भट्ट का कहना है कि सात वर्षों बाद अंबिकापुर में वर्षा का आंकड़ा पहली बार अंबिकापुर नगर के सामान्य औसत मानसून वर्षा 1211 मिलीमीटर के आंकड़े को पार किया है। ऐसे में इसे सरगुजा में भारी और रिकार्ड तोड़ बारिश माना जा रहा है। अंबिकापुर में 2024 में जून से सितम्बर के बीच हुई वर्षा की माहवार गणना करें तो जून में 115.8 मिमी, जुलाई में 369.8 मिमी, अगस्त में 595.9 मिमी और 25 सितम्बर तक 221.8 मिलीमीटर बारिश हुई है। इन सबके बीच मानसून खत्म होने में अब कुछ ही दिन शेष हैं। बता दें कि बीते एक जून से 16 सितंबर की सुबह तक अंबिकापुर में औसत वर्षा से 100 फीसदी अधिक बारिश के बाद मानसून खत्म होने में 14 दिन शेष थे। बारिश थमने के साथ तेज धूप व उमस भरी गरमी ने लोगों को बेचैन कर दिया था। इधर सितंबर में लगातार अवदाब क्षेत्र बनने का प्रभाव उत्तर छत्तीसगढ़ में भी पड़ा। मौसम वैज्ञानिकों का कहना है कि अंबिकापुर में वर्ष 1969 से 2023 तक 19 बार औसत से अधिक वर्षा दर्ज की गई है। वर्ष 2024 में एक बार फिर सर्वाधिक बारिश हुई है। इससे पहले वर्ष 2016 में 1331.6 मिमी वर्षा और 2017 में 1383.5 मिमी वर्षा दर्ज की गई थी। इस बार के मानसून को कृषि, जल संवर्धन, जलवायु के अनुकूल माना जा रहा है। पूरे भारत में मानसून की सक्रियता इस वर्ष बनी रही।

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कोई काम नहीं किया-अंबिकापुर। श्रमिक दिवस के अवसर पर गुरुवार 1 मई को जिला कांग्रेस कमेटी कार्यालय राजीव भवन में श्रमिकों का सम्मान कर उन्हें उपहार दिया गया। इस दौरान देश की श्रम शक्ति के उत्थान में कांग्रेस के योगदान और जाति जनगणना की कांग्रेस की मांग पूरी होने से श्रमिक वर्ग के उत्थान पर पड़ने वाले सकारात्मक प्रभाव पर चर्चा की गई। कार्यक्रम में शामिल श्रमिकों से बात कर उनकी समस्याओं को भी जाना गया। श्रमिकों की ओर से सर्वाधिक प्रमुख मांग असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों के लिए कार्यस्थल पर सुरक्षा के साथ ही पेंशन और बीमा की रही।आयोजित सभा को संबोधित करते हुए जिला कांग्रेस अध्यक्ष बालकृष्ण पाठक ने कहा कि देश के श्रमिकों के हित में कांग्रेस ने देश में अनेक योजनाएं लागू की, जिससे संगठित और असंगठित सभी क्षेत्र के श्रमिकों को लाभ हुआ। विगत 11 वर्ष के कार्यकाल में मोदी सरकार श्रमिकों के हित में कोई कार्य नहीं कर पाई है। कांग्रेस के द्वारा लाई गई मनरेगा योजना को लगातार कमजोर किया जा रहा है। पूंजीपतियों के हित में मजदूरी में वाजिब इजाफा नहीं हो रहा है। सरकार की पूंजीवादी नीति के कारण श्रमिकों के साथ ही देश के नौकरी पेशा मध्यम वर्ग की कमर टूट रही है, जबकि पूंजीपतियों की आमदनी में दिन दूनी रात चौगुनी बढ़ोतरी हो रही है। उन्होंने संसद में नेता प्रतिपक्ष और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राहुल गांधी का आभार जताते हुए कहा कि उनके मुहिम और दबाव में मोदी सरकार जातीय जनगणना कराने जा रही है। इसके आंकड़े आने पर सर्वाधिक फायदा श्रमिक वर्ग को होगा। पूर्व केबिनेट मंत्री अमरजीत भगत ने कहा कि विगत 11 वर्ष के मोदीजी के कार्यकाल में श्रमिकों और कृषकों के हित की बात स्थगित हो गई है। आय की असमानता बढ़ी है। जातीय जनगणना की मांग पूरी होने पर उन्होंने राहुल गांधी का आभार जताया है। श्रम कल्याण बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष शफी अहमद ने सभा में मौजूद श्रमिकों को जानकारी दी कि कांग्रेस के कार्यकाल में किस प्रकार श्रमिकों के हित की योजनाएं बनाई गई और उन्हें लागू किया गया। उन्होंने कार्यक्रम में मौजूद श्रमिकों को उन नियमों की जानकारी दी, जिससे श्रमिक कार्यस्थल की सुरक्षा के साथ ही भावी जीवन को भी सुरक्षित कर सकते हैं। कार्यक्रम को अन्य कई वक्ताओं ने संबोधित किया। इस मौके पर 20 सूत्रीय कार्यक्रम के पूर्व उपाध्यक्ष अजय अग्रवाल,  हेमंत सिन्हा, मो. इस्लाम, अरविंद सिंह गप्पू, दुर्गेश गुप्ता, अनिल सिंह, शफीक खान, रामविनय सिंह, मेराज गुड्डू, जे. कुजूर, लालचंद यादव, अनूप मेहता, अशफाक अली, जीवन यादव, आतिश शुक्ला, शिवप्रसाद अग्रहरि, दीपक मिश्रा, संजय सिंह, दिलीप धर, शकीला सिद्दीकी, अनिता सिन्हा, चंचला सांडिल्य, रूपा ताम्रकार, अंजू सिंह, ममता सिंह, विजय बेक, अनुराग नामदेव, आदर्श बंसल, दिवाकर दुबे, इश्तेयाक खान मौजूद थे।