सर्व आदिवासी समाज ने न्याय यात्रा निकाली, कहा-पुलिस के साथ राजनीतिक व्यवस्था भी दोषी
अंबिकापुर। सर्व आदिवासी समाज ने राजमिस्त्री संदीप लकड़ा हत्याकांड के मामले में अंबिकापुर के कलाकेन्द्र मैदान से न्याय यात्रा निकाली, जो सीतापुर धरनास्थल पहुंचकर समाप्त होगी। इसके पूर्व पत्रकारों से चर्चा के दौरान समाज के पदाधिकारियों ने प्रदेश के गृहमंत्री व सीतापुर विधायक को जमकर निशाने पर लिया। इन्होंने आरोप लगाया कि सीतापुर विधायक रामकुमार टोप्पो हत्या के मामले में रूचि नहीं लिए, बल्कि मामले को प्रभावित करने का काम उन्होंने किया है। इन्होंने कहा कि हम रैली के रूप में सीतापुर जाएंगे और विधायक का परेड लेंगे। घटना में पुलिस के साथ राजनीतिक व्यवस्था भी दोषी है। इन्होंने सरगुजा कलेक्टर व पुलिस अधीक्षक के स्थानांतरण की भी मांग की है। कहा कि संवेदना की जगह मृतक की पत्नी को मानसिक रूप से टार्चर करना चिंतनीय है।
न्याय यात्रा में शामिल हुए सर्व आदिवासी समाज के जीएस रावटे, विनोद कुमार नागवंशी, अकबर राम कोर्राम, अनुक प्रताप टेकाम सहित अन्य ने मुख्य आरोपी की संपत्ति कुर्क करके मृतक की पत्नी के नाम करने, नौकरी देने और दो करोड़ रुपये मुआवजा देने की मांग की है। इन्होंने कहा कि षड्यंत्रपूर्वक निर्दोष आदिवासी समाज के युवक की हत्या के मामले में दो अक्टूबर तक न्याय नहीं मिलने की स्थिति में पूरे प्रदेश में पदयात्रा और न्याययात्रा निकाली जाएगी। बेवा महिला ने भारत के राष्ट्रपति से जो गुहार लगाई है, वह किसी से छिपा नहीं है। इन्होंने कहा प्रदेश में सरकार बदलने के बाद अनुभवहीन गृहमंत्री के कार्यकाल में जिस प्रकार पूरे प्रदेश में हत्या सहित अन्य निर्मम घटनाओं का दौर चल रहा है, इसके बाद हत्यारों को पकड़ने में जिस प्रकार की नाकामी सामने आ रही है, वह आदिवासियों को खत्म करने की साजिश को इंगित करा रहा है। सरकार और आयोग तक गुहार लगाने के बाद मुख्य आरोपी को पकड़ने में संजीदगी दिखाने के बजाए मृतक के रिश्तेदार को आरोपी बनाने की कोशिश बड़े षड्यंत्र की ओर इशारा कर रहा है। अकबर राम कोर्राम ने कहा कि सूचना तकनीकि के युग में जघन्य अपराध का अपराधी फरार रहे, समझ से परे है। उन्होंने मुख्य अपराधी को राजनीतिक संरक्षण प्राप्त होने का आरोप लगाया और कहा हम निर्णायक लड़ाई लड़ने निकले हैं। इतनी बड़ी घटना के बाद मुख्य आरोपी का गिरफ्तार नहीं होना, पूर्व में गायब युवक के प्रति पुलिस प्रशासन का संवेदनहीन होना, जैसे कई सवालों का जवाब शेष है। एक सवाल के जवाब में समाज के पदाधिकारियों ने कहा पूर्व मंत्री अमरजीत भगत आदिवासी समाज का होने के नाते या जनता, किस रूप में मृतक के स्वजन से भेंट-मुलाकात कर रहे हैं, यह स्पष्ट नहीं है।

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कोई काम नहीं किया-अंबिकापुर। श्रमिक दिवस के अवसर पर गुरुवार 1 मई को जिला कांग्रेस कमेटी कार्यालय राजीव भवन में श्रमिकों का सम्मान कर उन्हें उपहार दिया गया। इस दौरान देश की श्रम शक्ति के उत्थान में कांग्रेस के योगदान और जाति जनगणना की कांग्रेस की मांग पूरी होने से श्रमिक वर्ग के उत्थान पर पड़ने वाले सकारात्मक प्रभाव पर चर्चा की गई। कार्यक्रम में शामिल श्रमिकों से बात कर उनकी समस्याओं को भी जाना गया। श्रमिकों की ओर से सर्वाधिक प्रमुख मांग असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों के लिए कार्यस्थल पर सुरक्षा के साथ ही पेंशन और बीमा की रही।आयोजित सभा को संबोधित करते हुए जिला कांग्रेस अध्यक्ष बालकृष्ण पाठक ने कहा कि देश के श्रमिकों के हित में कांग्रेस ने देश में अनेक योजनाएं लागू की, जिससे संगठित और असंगठित सभी क्षेत्र के श्रमिकों को लाभ हुआ। विगत 11 वर्ष के कार्यकाल में मोदी सरकार श्रमिकों के हित में कोई कार्य नहीं कर पाई है। कांग्रेस के द्वारा लाई गई मनरेगा योजना को लगातार कमजोर किया जा रहा है। पूंजीपतियों के हित में मजदूरी में वाजिब इजाफा नहीं हो रहा है। सरकार की पूंजीवादी नीति के कारण श्रमिकों के साथ ही देश के नौकरी पेशा मध्यम वर्ग की कमर टूट रही है, जबकि पूंजीपतियों की आमदनी में दिन दूनी रात चौगुनी बढ़ोतरी हो रही है। उन्होंने संसद में नेता प्रतिपक्ष और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राहुल गांधी का आभार जताते हुए कहा कि उनके मुहिम और दबाव में मोदी सरकार जातीय जनगणना कराने जा रही है। इसके आंकड़े आने पर सर्वाधिक फायदा श्रमिक वर्ग को होगा। पूर्व केबिनेट मंत्री अमरजीत भगत ने कहा कि विगत 11 वर्ष के मोदीजी के कार्यकाल में श्रमिकों और कृषकों के हित की बात स्थगित हो गई है। आय की असमानता बढ़ी है। जातीय जनगणना की मांग पूरी होने पर उन्होंने राहुल गांधी का आभार जताया है। श्रम कल्याण बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष शफी अहमद ने सभा में मौजूद श्रमिकों को जानकारी दी कि कांग्रेस के कार्यकाल में किस प्रकार श्रमिकों के हित की योजनाएं बनाई गई और उन्हें लागू किया गया। उन्होंने कार्यक्रम में मौजूद श्रमिकों को उन नियमों की जानकारी दी, जिससे श्रमिक कार्यस्थल की सुरक्षा के साथ ही भावी जीवन को भी सुरक्षित कर सकते हैं। कार्यक्रम को अन्य कई वक्ताओं ने संबोधित किया। इस मौके पर 20 सूत्रीय कार्यक्रम के पूर्व उपाध्यक्ष अजय अग्रवाल,  हेमंत सिन्हा, मो. इस्लाम, अरविंद सिंह गप्पू, दुर्गेश गुप्ता, अनिल सिंह, शफीक खान, रामविनय सिंह, मेराज गुड्डू, जे. कुजूर, लालचंद यादव, अनूप मेहता, अशफाक अली, जीवन यादव, आतिश शुक्ला, शिवप्रसाद अग्रहरि, दीपक मिश्रा, संजय सिंह, दिलीप धर, शकीला सिद्दीकी, अनिता सिन्हा, चंचला सांडिल्य, रूपा ताम्रकार, अंजू सिंह, ममता सिंह, विजय बेक, अनुराग नामदेव, आदर्श बंसल, दिवाकर दुबे, इश्तेयाक खान मौजूद थे।