भटगांव। भटगांव थाना क्षेत्र अंतर्गत ऊर्जानगर जरही के क्वार्टर नंबर एम/286 में लक्ष्मी सिंह के द्वारा फांसी लगाकर की गई खुदकुशी के मामले में पुलिस ने मृतिका देवरानी और कथित रखैल के विरूद्ध केस दर्ज कर लिया है। पुलिस ने मृतिका का सुसाइड नोट जप्त किया था, जिसमें उसने इन दोनों को अपनी मौत का जिम्मेदार ठहराया था। मामले में मर्ग कायम कर पुलिस जांच कर रही थी।
घटना के बाद पुलिस ने मृतिका के भाई सुरेन्द्र सिंह, महेन्द्र सिंह, भतीजा दीपक सिंह निवासी ग्राम अमीलिहा पाल, थाना हथगांव जिला फतेहपुर उत्तर प्रदेश का कथन दर्ज किया था। घटनास्थल व शव निरीक्षण, सुसाइड नोट तथा पोस्टमार्टम रिपोर्ट का अवलोकन करने के बाद पुलिस ने पाया कि मृतिका लक्ष्मी सिंह की देवरानी व पति अवधेश प्रताप सिंह की कथित रखैल के द्वारा उसे खुदकुशी के लिए दुष्प्रेरित किया गया, जिस कारण वह 29 जुलाई को शाम 04 से 06 बजे के बीच अपने बेड रूम में लगे पंखा में दुपट्टा के सहारे फांसी पर लटक खुदकुशी कर ली थी। मृतिका लक्ष्मी सिंह ने सुसाइड नोट में अपनी मौत की जिम्मेदार देवरानी व पति की कथित रखैल को ठहराया था। डॉक्टर ने विवाहिता की मृत्यु फांसी लगाने से दम घुटने के कारण होना बताते हुए आत्महत्या की प्रकृति का उल्लेख किया है। पुलिस ने मृतिका लक्ष्मी सिंह की देवरानी तथा उसके पति अवधेश प्रताप सिंह की कथित रखैल के विरूद्ध बीएनएस की धारा 108, 3(5) का अपराध दर्ज कर अग्रिम विवेचना में लिया है। मृतिका का विवाह करीब 12 वर्ष पूर्व सामाजिक रीति-रिवाज से अवधेश प्रताप सिंह के साथ हुआ था, जो मूलत: उत्तर प्रदेश के रहने वाले हैं। दोनों के दांपत्य जीवन के बीच दो बच्चे हैं। मृतिका अपनी देवरानी व एसईसीएल अस्पताल जरही में काम करने वाली सास नीलम सिंह के साथ ऊर्जानगर जरही थाना भटगांव में रहती थी। पति अवधेश प्रताप सिंह सक्ती जांजगीर में प्राइवेट काम करता है। मृत्यु के पहले विवाहिता ने सुसाइड नोट व कई फोटाग्राफ अपने मायके में व्हाट्सएप किया था।

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कोई काम नहीं किया-अंबिकापुर। श्रमिक दिवस के अवसर पर गुरुवार 1 मई को जिला कांग्रेस कमेटी कार्यालय राजीव भवन में श्रमिकों का सम्मान कर उन्हें उपहार दिया गया। इस दौरान देश की श्रम शक्ति के उत्थान में कांग्रेस के योगदान और जाति जनगणना की कांग्रेस की मांग पूरी होने से श्रमिक वर्ग के उत्थान पर पड़ने वाले सकारात्मक प्रभाव पर चर्चा की गई। कार्यक्रम में शामिल श्रमिकों से बात कर उनकी समस्याओं को भी जाना गया। श्रमिकों की ओर से सर्वाधिक प्रमुख मांग असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों के लिए कार्यस्थल पर सुरक्षा के साथ ही पेंशन और बीमा की रही।आयोजित सभा को संबोधित करते हुए जिला कांग्रेस अध्यक्ष बालकृष्ण पाठक ने कहा कि देश के श्रमिकों के हित में कांग्रेस ने देश में अनेक योजनाएं लागू की, जिससे संगठित और असंगठित सभी क्षेत्र के श्रमिकों को लाभ हुआ। विगत 11 वर्ष के कार्यकाल में मोदी सरकार श्रमिकों के हित में कोई कार्य नहीं कर पाई है। कांग्रेस के द्वारा लाई गई मनरेगा योजना को लगातार कमजोर किया जा रहा है। पूंजीपतियों के हित में मजदूरी में वाजिब इजाफा नहीं हो रहा है। सरकार की पूंजीवादी नीति के कारण श्रमिकों के साथ ही देश के नौकरी पेशा मध्यम वर्ग की कमर टूट रही है, जबकि पूंजीपतियों की आमदनी में दिन दूनी रात चौगुनी बढ़ोतरी हो रही है। उन्होंने संसद में नेता प्रतिपक्ष और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राहुल गांधी का आभार जताते हुए कहा कि उनके मुहिम और दबाव में मोदी सरकार जातीय जनगणना कराने जा रही है। इसके आंकड़े आने पर सर्वाधिक फायदा श्रमिक वर्ग को होगा। पूर्व केबिनेट मंत्री अमरजीत भगत ने कहा कि विगत 11 वर्ष के मोदीजी के कार्यकाल में श्रमिकों और कृषकों के हित की बात स्थगित हो गई है। आय की असमानता बढ़ी है। जातीय जनगणना की मांग पूरी होने पर उन्होंने राहुल गांधी का आभार जताया है। श्रम कल्याण बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष शफी अहमद ने सभा में मौजूद श्रमिकों को जानकारी दी कि कांग्रेस के कार्यकाल में किस प्रकार श्रमिकों के हित की योजनाएं बनाई गई और उन्हें लागू किया गया। उन्होंने कार्यक्रम में मौजूद श्रमिकों को उन नियमों की जानकारी दी, जिससे श्रमिक कार्यस्थल की सुरक्षा के साथ ही भावी जीवन को भी सुरक्षित कर सकते हैं। कार्यक्रम को अन्य कई वक्ताओं ने संबोधित किया। इस मौके पर 20 सूत्रीय कार्यक्रम के पूर्व उपाध्यक्ष अजय अग्रवाल,  हेमंत सिन्हा, मो. इस्लाम, अरविंद सिंह गप्पू, दुर्गेश गुप्ता, अनिल सिंह, शफीक खान, रामविनय सिंह, मेराज गुड्डू, जे. कुजूर, लालचंद यादव, अनूप मेहता, अशफाक अली, जीवन यादव, आतिश शुक्ला, शिवप्रसाद अग्रहरि, दीपक मिश्रा, संजय सिंह, दिलीप धर, शकीला सिद्दीकी, अनिता सिन्हा, चंचला सांडिल्य, रूपा ताम्रकार, अंजू सिंह, ममता सिंह, विजय बेक, अनुराग नामदेव, आदर्श बंसल, दिवाकर दुबे, इश्तेयाक खान मौजूद थे।