अंबिकापुर। गर्मी के मौसम में पानी की किल्लत से राहत दिलाने के लिए करोड़ों रुपये फूंकने के बाद भी हालात में तब्दीली नहीं आ पाई है। सरगुजा जिले का एक गांव ऐसा है, जहां के लोग एक दिन पानी भरने के बाद तीन दिन तक रोजमर्रा के कार्यों में उपयोग लाते हैं। रोजाना नहाना भी इनके लिए दूभर है। घरों में जूठे बर्तनों को छोड़ देना पड़ता है, पानी संग्रहण के बाद वे इन बर्तनों को धोते हैं। ऐसे हालातों से जूझ रहे ग्रामीण मंगलवार को कलेक्टर को अपना दुखड़ा सुनाने अंबिकापुर पहुंचे। इन्होंने बताया जल जीवन मिशन के तहत गांव में 3 बड़ी टंकी का निर्माण कार्य लाखों रुपये फूंककर किया गया, जो किसी काम का नहीं है। टंकी में पानी भरने के लिए बोर की खोदाई की गई, लेकिन इसे टंकी से कनेक्ट नहीं किया गया है।
मामला सरगुजा जिला के लुण्ड्रा विकासखंड अंतर्गत ग्राम पंचायत बकनाकला का है। यहां से आए ग्रामीण बिरजू टेकाम, राजनाथ, राजू, रामप्यारी, विश्वनाथ, अंजली, अनिता सहित अन्य ने बताया कि लगभग 300 परिवार भीषण गर्मी के मौके पर पानी के लिए रोजाना संघर्ष कर रहे हंै। उन्हें एक से डेढ़ किलोमीटर का सफर तय करके दूसरे गांव से पानी लाना पड़ता है। गांव में बोर है लेकिन रोज इतनी बड़ी आबादी के लिए बोर से पानी मिल पाना मुश्किल है। गांव का ढोढ़ी भी सूख चुका है। हैण्डपम्प से लाल पानी निकलने के कारण उसे बमुश्किल छानकर खाना बनाने और बर्तन धोने के उपयोग में वे ला रहे हैं। हैण्डपम्प से भी पूरी आबादी को पानी नहीं मिल पाता है। गर्मी के मौसम में रोज नहाने के लिए पानी उन्हें मुनासिब नहीं है। पानी सहेजने में ही महिलाओं का आधा समय गुजर जाता है, इसके बाद वे खाना बनाती हैं। छोटे-छोटे बच्चों को घंटों भूखे-प्यासे रहना पड़ता है। मटमैले पानी का पीने के लिए उपयोग करने से बीमारी का खतरा अलग बना हुआ है। रोजाना धूप में लम्बी दूरी तय करने से इनके बीमार होने का डर अलग सता रहा है।
नवनिर्मित पानी टंकियों से हो रहा सीपेज
पानी की किल्लत से निजात दिलाने के लिए गांव में जल जीवन मिशन के तहत 3 बड़ी टंकियों का निर्माण एक वर्ष पूर्व शुरू किया गया, जो बनकर तैयार है, इसके अलावा सिंटेक्स लगाए गए हैं, जो खुद प्यासे हैं। कई घरों में नल का कनेक्शन तक नहीं पहुंच पाया है, जिनके घरों तक कनेक्शन पहुंचा, वे भी शासन की रीति-नीति को कोस रहे हंै। ग्रामीणों ने बताया कि ठेकेदार पर दबाव बनाकर वे किए गए बोर का पानी चालू करके पानी टंकी को भरने की पहल किए, लेकिन नवनिर्मित पानी टंकी से होते सीपेज को देखकर ठेकेदार निकल लिया, इसके बाद कोई भी पानी टंकी की स्थिति देखने के लिए गांव में झांकने तक नहीं आया।
डेढ़ किमी दूर ग्राम उदारी से ला रहे पानी
ग्रामीणों ने बताया कि गांव में कुछ लोगों के यहां बोर लगा है, जिससे पर्याप्त पानी सभी को मिल पाना मुमकीन नहीं है। कई बार बिजली संकट का सामना भी करना पड़ता है। बिजली नहीं रहने की स्थिति में प्यास बुझाने के लिए महिलाएं पानी का संग्रहण करने घर से लगभग एक से डेढ़ किलोमीटर दूर ग्राम उदारी सिर में डेकची, बर्तन लेकर जाती हंै और पुरूष बच्चों की देखरेख के साथ घर का पहरा देते हैं। दौड़धूप के बीच कई बार महिलाएं बीमार पड़ जाती हैं और घर के पुरूष सदस्य झेलगी में बर्तन लेकर पानी के लिए चक्कर लगाने विवश रहते हैं।
कुछ हैण्डपम्पों से निकल रहा लाल पानी
हैण्डपम्पों की मरम्मत के लिए विभाग कितनी भी ताकत झोंक ले, गर्मी के मौसम में अधिकांश हैण्डपम्प मृतप्राय हो जाते हैं। कहने को ग्राम पंचायत बकनाकला में लगभग 20 हैण्डपम्प हैं, लेकिन इनकी स्थिति खराब है। ग्रामीण बताते हैं कि अधिकांश हैण्डपम्पों से गर्मी के शुरूआत पूर्व से ही लाल पानी निकल रहा है, तो किसी में पानी ही नहीं है। कुछ कंडम हालत में पड़े हैं। ग्रामीणों का कहना है कि ऐसे में उन्हें एक ही रास्ता समझ में आ रहा है कि बांध का पानी गांव तक लाया जाए, ताकि उन्हें शुद्ध और स्वच्छ पेयजल के साथ रोजमर्रा की जरूरतों के लिए पानी मिल सके।
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कलेक्टर की दो टूक-पानी की समस्या दूर होनी चाहिए
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लुण्ड्रा विकासखंड अंतर्गत ग्राम बकनाकला, सेमरपारा के ग्रामीणों ने सरगुजा कलेक्टर के जनदर्शन में आवेदन देकर बने हालातों से अवगत कराया। इन्होंने चर्चा के दौरान कहा कि लाखों रुपये की लागत से बनाई गई पानी की बड़ी और छोटी टंकियों में पानी भरने की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए, ताकि उन्हें राहत मिले। वहीं जिन घरों तक पाइप लाइन का विस्तार नहीं हो पाया है, उसे शासन की मंशा के अनुरूप पूरा करने की पहल की जाए। इसके अलावा नवनिर्मित पानी टंकी से शुरूआती दौर में जिस प्रकार सीपेज की स्थिति बन रही है, इसकी जांच करके जिम्मेदारों पर कार्रवाई की जानी चाहिए।
सरगुजा कलेक्टर विलास भोस्कर ने इनकी बातों को गंभीरता पूर्वक सुना और वे बिना देरी किए गांव पहुंच गए, क्योंकि इसकी विकासखंड के ग्राम चिरगा में डायरिया का प्रकोप सामने आया है। बकनाकला ग्राम ऐसा है, जहां पानी के लिए रोज सिर फोड़ने की स्थिति बन रही है। ऐसे में हैंण्डपम्प का गंदा पानी हो या किसी अन्य स्रोत का वे सेवन करने के लिए विवश हैं। गांव पहुंचे कलेक्टर ने न सिर्फ ग्रामीणों से चर्चा की बल्कि गांव में लगे हैण्डपम्प और अन्य जल स्त्रोतों का अवलोकन किया। मौके पर उपस्थित अधिकारियों सहित ठेकेदार को कड़ी हिदायत देकर कमियों को दूर करने के लिए कहा। उन्होंने लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग सहित अन्य जिम्मेदारों को सख्त लहजे में कहा कि किसी भी हालत में कल तक गांव में बनी पानी की किल्लत की स्थिति दूर होनी चाहिए। इस दौरान सामने आया कि विद्युत कनेक्शन नहीं होने कारण पानी का सप्पलाई बाधित है। कलेक्टर ने संबंधित अधिकारियों को तत्काल बिजली की व्यवस्था करने के कड़े निर्देश दिए। उन्होंने हैंडपंपों में खराबी का सुधार करवाने कहा ताकि लोगों को पेयजल के सम्बन्ध में किसी प्रकार की समस्या ना हो। कलेक्टर ने ग्रामीणों से अन्य आवश्यकता एवं समस्या के संबंध में भी जानकारी ली। कलेक्टर के सामने आए तल्ख तेवर के बाद ग्रामीणों को पानी की समस्या से निजात मिलने की उम्मीद बढ़ गई है।
