अंबिकापुर। सरस्वती शिक्षा महाविद्यालय अंबिकापुर में बीएड चतुर्थ सेमेस्टर के छात्रों के लिए मूल्य संवर्धन कक्षा का आयोजन 24 मार्च से 12 अप्रैल तक किया गया। वहीं 15 अप्रैल से 3 मई तक योग शिक्षा का लाभ विद्यार्थियों को मिला। प्रजापिता ब्राम्हकुमारी ईश्वरीय अंबिकापुर द्वारा मेडिटशन कक्षा का संचालन किया गया। इस दौरान मेडिटशन के बारे में विस्तार से बताया गया, साथ ही मेडिटशन किस प्रकार कर सकते हैं, इसका जीवन में कितना महत्व है, इस पर प्रकाश डाला गया। मेडिटशन का अर्थ ध्यान केंद्रित करना होता है।
इसी क्रम में योग शिक्षा की कक्षा अजय तिवारी ने 15 अप्रैल से 03 मई तक ली। इनके द्वारा योग एवं प्राणायाम के बारे में बताया गया। उन्होंने प्रतिदिन प्रात: विभिन्न प्रकार के योगासनों हठ योग, राजयोग, कर्म योग, भक्तियोग, ज्ञान योग, तंत्र योग, लय योग और अष्टांग योग के अलावा प्राणायाम भस्त्रिका, कपालभाति, अनुलोम-विलोम, भ्रामरी, उज्जयी, और शीतली से अवगत कराया। प्राणायाम सांस को नियंत्रित करने और शरीर को ऊर्जा प्रदान करने में मदद करते हैं। उन्होंने कहा कि योग हमारे जीवन का अभिन्न अंग है। प्रतिदिन योग करने से शरीर स्वस्थ रहता है, हम तनावमुक्त रहते हैं और शरीर ऊर्जावान रहता है। योग शारीरिक और मानसिक अनुशासन को एक साथ लाता है, जिससे शरीर और मन को शांति मिलती है। यह तनाव और चिंता को प्रबंधित करने में भी सहायता करता है और तनावमुक्त रखता है। योग आसन जोश, लचीलापन और आत्मविश्वास विकसित करने के लिए जाना जाता है। मूल्य संवर्धन कक्षा के अंतिम दिवस ब्रम्हकुमारी विद्या, संजू, अजय तिवारी एवं महाविद्यालय की प्राचार्य डॉ. श्रद्धा मिश्रा ने बीएड चतुर्थ सेमेस्टर के प्रशिक्षणार्थियों को प्रमाण पत्र वितरण किया। योग और मेडिटेशन  को अपने जीवन में शामिल करके जीवन में सकारात्मक बदलाव कैसे लाएं इसकी जानकारी देकर प्रशिक्षणार्थियों के उज्जवल भविष्य की कामना की गई। इस दौरान महाविद्यालय की विभागाध्यक्ष रानी रजक एवं सहायक प्राध्यापक मिथलेश कुमार गुर्जर, सविता यादव, सीमा बंजारे, पूजा रानी, नितेश कुमार यादव, सुन्दरराम एवं बीएड चतुर्थ सेमेस्टर के प्रशिक्षणार्थियों की उपस्थिति रही।  
अंबिकापुर। सरस्वती शिक्षा महाविद्यालय अंबिकापुर में बीएड चतुर्थ सेमेस्टर के छात्रों के लिए मूल्य संवर्धन कक्षा का आयोजन 24 मार्च से 12 अप्रैल तक किया गया। वहीं 15 अप्रैल से 3 मई तक योग शिक्षा का लाभ विद्यार्थियों को मिला। प्रजापिता ब्राम्हकुमारी ईश्वरीय अंबिकापुर द्वारा मेडिटशन कक्षा का संचालन किया गया। इस दौरान मेडिटशन के बारे में विस्तार से बताया गया, साथ ही मेडिटशन किस प्रकार कर सकते हैं, इसका जीवन में कितना महत्व है, इस पर प्रकाश डाला गया। मेडिटशन का अर्थ ध्यान केंद्रित करना होता है।
इसी क्रम में योग शिक्षा की कक्षा अजय तिवारी ने 15 अप्रैल से 03 मई तक ली। इनके द्वारा योग एवं प्राणायाम के बारे में बताया गया। उन्होंने प्रतिदिन प्रात: विभिन्न प्रकार के योगासनों हठ योग, राजयोग, कर्म योग, भक्तियोग, ज्ञान योग, तंत्र योग, लय योग और अष्टांग योग के अलावा प्राणायाम भस्त्रिका, कपालभाति, अनुलोम-विलोम, भ्रामरी, उज्जयी, और शीतली से अवगत कराया। प्राणायाम सांस को नियंत्रित करने और शरीर को ऊर्जा प्रदान करने में मदद करते हैं। उन्होंने कहा कि योग हमारे जीवन का अभिन्न अंग है। प्रतिदिन योग करने से शरीर स्वस्थ रहता है, हम तनावमुक्त रहते हैं और शरीर ऊर्जावान रहता है। योग शारीरिक और मानसिक अनुशासन को एक साथ लाता है, जिससे शरीर और मन को शांति मिलती है। यह तनाव और चिंता को प्रबंधित करने में भी सहायता करता है और तनावमुक्त रखता है। योग आसन जोश, लचीलापन और आत्मविश्वास विकसित करने के लिए जाना जाता है। मूल्य संवर्धन कक्षा के अंतिम दिवस ब्रम्हकुमारी विद्या, संजू, अजय तिवारी एवं महाविद्यालय की प्राचार्य डॉ. श्रद्धा मिश्रा ने बीएड चतुर्थ सेमेस्टर के प्रशिक्षणार्थियों को प्रमाण पत्र वितरण किया। योग और मेडिटेशन  को अपने जीवन में शामिल करके जीवन में सकारात्मक बदलाव कैसे लाएं इसकी जानकारी देकर प्रशिक्षणार्थियों के उज्जवल भविष्य की कामना की गई। इस दौरान महाविद्यालय की विभागाध्यक्ष रानी रजक एवं सहायक प्राध्यापक मिथलेश कुमार गुर्जर, सविता यादव, सीमा बंजारे, पूजा रानी, नितेश कुमार यादव, सुन्दरराम एवं बीएड चतुर्थ सेमेस्टर के प्रशिक्षणार्थियों की उपस्थिति रही।  

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