बुधवार को देर रात नक्सलियों ने वारदात को दिया अंजाम, जेसीबी और पोकलेन भी जलाया

अंबिकापुर। छत्तीसगढ़ और झारखंड की सरहद पर स्थित ग्राम पंचायत ओरसापाठ में नक्सलियों ने बुधवार की रात करीब 7.30 बजे निर्माणाधीन सड़क परियोजना की देखरेख करने वाले मुंशी अयूब खान पिता मइमुद्दीन खान 60 वर्ष की गोली मारकर हत्या कर दी। हथियारबंद नकाबपोश माओवादी एक दर्जन की संख्या में निर्माण स्थल पर पहुंचे थे, जिनकी करीब दो घंटे तक घटनास्थल पर उपस्थिति रही। गुरुवार की सुबह घटना की जानकारी मिलने से लोग दहशत में आ गए। इधर घटना की सूचना मिलने पर मौके पर पहुंची छत्तीसगढ़ और झारखंड की पुलिस टीम ने घटनास्थल का बारीकी से निरीक्षण किया और अग्रिम जांच, कार्रवाई में जुट गई है।
जानकारी के मुताबिक गुरूवार की रात को ग्राम पंचायत ओरसापाठ में प्रवेश किए नक्सलियों ने सबसे पहले सड़क निर्माण कार्य में लगी जेसीबी और पोकलेन मशीन को आग के हवाले किया। इन वाहनों को मुंशी अयूब खान के घर के पास खेत में खड़ा किया गया था। इसके बाद नक्सली अयूब खान के घर पहुंचे और उन्हें बाहर बुलाकर मोबाइल बंद करने के लिए कहा। नक्सली पास में खड़े वाहन चालकों को भी बंधक बना लिए और उनके हाथों को गमछा से बांध दिए। इनके द्वारा सभी का मोबाइल फोन बंद करवाया गया और सभी को पुलिस को सूचना नहीं देने की धमकी दी गई। इसके बाद माओवदी नक्सली, अयूब खान को कुछ दूरी पर ले गए और बेरहमी से गोली मारकर उसकी हत्या कर दी। एक पल में ही उसकी मौत हो गई। वारदात को अंजाम देने के बाद माओवादी झारखंड के जंगलों की ओर फरार हो गए। यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि इस वारदात के पीछे किस नक्सली संगठन का हाथ है और घटना को अंजाम देने के पीछे इनका उद्देश्य क्या है। पुलिस को घटनास्थल या आसपास किसी भी नक्सली संगठन का पर्चा नहीं मिला है। बहरहाल घटना के बाद दोनों ही राज्यों की पुलिस हरकत में आ गई है। झारखंड राज्य के महुआडाड़ डीएसपी एसपी बहेलिया, थाना प्रभारी मनोज कुमार और आईआरबी के जवानों के साथ मौके पर पहुंचे और मामले की जांच में जुट गए हैं। छत्तीसगढ़ से सामरी थाना प्रभारी विजय सिंह भी अपनी टीम के साथ घटनास्थल का जायजा लिया। नक्सलियों की पहचान एवं गिरफ्तारी के लिए वृहद पैमाने पर तलाशी अभियान शुरू कर दिया गया है।

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कोई काम नहीं किया-अंबिकापुर। श्रमिक दिवस के अवसर पर गुरुवार 1 मई को जिला कांग्रेस कमेटी कार्यालय राजीव भवन में श्रमिकों का सम्मान कर उन्हें उपहार दिया गया। इस दौरान देश की श्रम शक्ति के उत्थान में कांग्रेस के योगदान और जाति जनगणना की कांग्रेस की मांग पूरी होने से श्रमिक वर्ग के उत्थान पर पड़ने वाले सकारात्मक प्रभाव पर चर्चा की गई। कार्यक्रम में शामिल श्रमिकों से बात कर उनकी समस्याओं को भी जाना गया। श्रमिकों की ओर से सर्वाधिक प्रमुख मांग असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों के लिए कार्यस्थल पर सुरक्षा के साथ ही पेंशन और बीमा की रही।आयोजित सभा को संबोधित करते हुए जिला कांग्रेस अध्यक्ष बालकृष्ण पाठक ने कहा कि देश के श्रमिकों के हित में कांग्रेस ने देश में अनेक योजनाएं लागू की, जिससे संगठित और असंगठित सभी क्षेत्र के श्रमिकों को लाभ हुआ। विगत 11 वर्ष के कार्यकाल में मोदी सरकार श्रमिकों के हित में कोई कार्य नहीं कर पाई है। कांग्रेस के द्वारा लाई गई मनरेगा योजना को लगातार कमजोर किया जा रहा है। पूंजीपतियों के हित में मजदूरी में वाजिब इजाफा नहीं हो रहा है। सरकार की पूंजीवादी नीति के कारण श्रमिकों के साथ ही देश के नौकरी पेशा मध्यम वर्ग की कमर टूट रही है, जबकि पूंजीपतियों की आमदनी में दिन दूनी रात चौगुनी बढ़ोतरी हो रही है। उन्होंने संसद में नेता प्रतिपक्ष और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राहुल गांधी का आभार जताते हुए कहा कि उनके मुहिम और दबाव में मोदी सरकार जातीय जनगणना कराने जा रही है। इसके आंकड़े आने पर सर्वाधिक फायदा श्रमिक वर्ग को होगा। पूर्व केबिनेट मंत्री अमरजीत भगत ने कहा कि विगत 11 वर्ष के मोदीजी के कार्यकाल में श्रमिकों और कृषकों के हित की बात स्थगित हो गई है। आय की असमानता बढ़ी है। जातीय जनगणना की मांग पूरी होने पर उन्होंने राहुल गांधी का आभार जताया है। श्रम कल्याण बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष शफी अहमद ने सभा में मौजूद श्रमिकों को जानकारी दी कि कांग्रेस के कार्यकाल में किस प्रकार श्रमिकों के हित की योजनाएं बनाई गई और उन्हें लागू किया गया। उन्होंने कार्यक्रम में मौजूद श्रमिकों को उन नियमों की जानकारी दी, जिससे श्रमिक कार्यस्थल की सुरक्षा के साथ ही भावी जीवन को भी सुरक्षित कर सकते हैं। कार्यक्रम को अन्य कई वक्ताओं ने संबोधित किया। इस मौके पर 20 सूत्रीय कार्यक्रम के पूर्व उपाध्यक्ष अजय अग्रवाल,  हेमंत सिन्हा, मो. इस्लाम, अरविंद सिंह गप्पू, दुर्गेश गुप्ता, अनिल सिंह, शफीक खान, रामविनय सिंह, मेराज गुड्डू, जे. कुजूर, लालचंद यादव, अनूप मेहता, अशफाक अली, जीवन यादव, आतिश शुक्ला, शिवप्रसाद अग्रहरि, दीपक मिश्रा, संजय सिंह, दिलीप धर, शकीला सिद्दीकी, अनिता सिन्हा, चंचला सांडिल्य, रूपा ताम्रकार, अंजू सिंह, ममता सिंह, विजय बेक, अनुराग नामदेव, आदर्श बंसल, दिवाकर दुबे, इश्तेयाक खान मौजूद थे।