अंबिकापुर। बलरामपुर-रामानुजगंज जिला के वाड्रफनगर विकासखंड अंतर्गत ग्राम बेबदी में संचालित शासकीय उचित मूल्य दुकान में खाद्यान्न वितरण में गड़बड़ी के मामले में अनुविभागीय अधिकारी (रा.) एवं दण्डाधिकारी वाड्रफनगर की जांच रिपोर्ट के आधार पर रघुनाथनगर थाना पुलिस ने जनपद उपाध्यक्ष की पत्नी, पूर्व सरपंच सहित 5 लोगों के विरूद्ध आवश्यक वस्तु अधिनियम के तहत मामला दर्ज कर लिया है। शासकीय उचित मूल्य दुकान के संचालन की एजेंसी ग्राम पंचायत बेबदी है, जहां पूर्व सरपंच, पूर्व सरपंच के पति, सचिव, सहायक विक्रेता और तौलने वाले की मिलीभगत से हितग्राहियों के राशन में डाका डालने का काम किया गया।
जांच के दौरान मौके पर उपस्थित हितग्राही विनोद कुमार पिता रामचरण, फुलकुंवर पण्डो पति बंशी लाल, धर्मेन्द्र पिता रामगोविंद, शिताराम पिता पिताम्बर, हरिनारायण पिता देवमन ने बताया कि उन्हें मार्च 2025 का चावल नहीं दिया गया है, जबकि ई-पास मशीन में उनका अंगूठा लगवा लिया गया है। उचित मूल्य दुकान बेबदी के सहायक विक्रेता संतोष कुमार पिता जवाहर ने अपने कथन में बताया कि वह विगत 3 वर्षों से सहायक विक्रेता के पद पर कार्यरत है। उसके द्वारा मार्च 2025 में 144 हितग्राहियों को ई-पास मशीन में खाद्यान्न वितरण नहीं किया गया है। वह विगत 3 वर्ष में कन्हैया लाल को 22 क्विंटल चावल दुकान में तौलाई करने के एवज में दिया है। ग्राम पंचायत बेबदी के पूर्व सरपंच के पति जीतलाल पिता बेसाहू ने अपने कथन में स्वीकारा कि खाद्यान्न वितरण का कार्य सहायक विक्रेता संतोष कुमार द्वारा किया जाता है। विक्रेता द्वारा मार्च 2025 में लगभग 144 हितग्राहियों को ई-पास मशीन में अंगूठा लगाकर खाद्यान्न का वितरण नहीं किया गया है। कन्हैया लाल पिता जोखन ने बताया कि मैं वह शासकीय उचित मूल्य दुकान बेबदी में चावल तौलाई करता है, इसके लिए उसे प्रति माह 50 किलोग्राम चावल मेहनताना के रूप में दिया जा रहा है। उसे अब तक लगभग 22 क्विंवटल चावल दिया गया है। पूर्व सरपंच के पति जीतलाल ने पूछताछ में बताया कि उनके द्वारा समय-समय पर गांव के सामाजिक कार्यक्रमों में भी बिना राशन कार्ड के चावल दिया गया है। ग्राम पंचायत बेबदी के पूर्व सरपंच श्रीमती जागमति एवं सचिव श्रीमती सीमा जायसवाल मौके से अनुपस्थित रहे, जिसके कारण इनका कथन अंकित नहीं किया जा सका। दुकान के स्टाक रजिस्टर, वितरण रजिस्टर, ई-पास मशीन के ऑनलाइन रिकार्ड एवं छ.ग. सिविल सप्लाइज कॉरपोरेशन लिमिटेड के डीओ एवं टीसी का अवलोकन भी खाद्य विभाग के निरीक्षक जितेन्द्र जायसवाल ने किया।
हितग्राहियों को नहीं बांटा 44 क्विंटल चावल
जांच में सामने आया कि मार्च माह में छ.ग. सिविल सप्लाइज कॉर्पोरेशन लिमिटेड के डीओ के अनुसार उक्त दुकान में 79.70 क्विंटल चावल, 1.77 क्विंटल शक्कर, 9.16 क्विंटल चना एवं 4.14 क्विंटल नमक प्रदाय किया गया है। वहीं दुकान के विक्रेता व्दारा 229 हितग्राहियों के खाद्यान्न में 76.95 क्विंटल चावल, 4.56 क्विंटल नमक एवं 2.29 क्विंटल शक्कर का वितरण ई-पोस मशीन के ऑनलाइन रिपोर्ट के अनुसार किया गया। स्टाक एवं वितरण रजिस्टर से पता चला कि 144 हितग्राहियों ने खाद्यान्न ई-मशीन में अंगूठा लगाया, जिन्हें खाद्यान्न का वितरण नहीं किया गया। इस प्रकार लगभग 44 क्विंटल चावल का वितरण नहीं करना पाया गया, जिसकी अनुमानित राशि एक लाख 76 हजार रुपये है।
एसडीएम के आदेश पर पुलिस ने दर्ज किया अपराध
अनुविभागीय अधिकारी (रा) वाड्रफनगर निखिलेश टेम्भुरने ने हितग्राहियों को ई-पास मशीन में अंगूठा लगाकर खाद्यान्न वितरण नहीं करने के मामले में सचिव श्रीमती सीमा जायसवाल, पूर्व सरपंच श्रीमती जागमति, सहायक विक्रेता संतोष कुमार, पूर्व सरपंच के पति जीतलाल एवं तौलक कन्हैया लाल की संलिप्तता व खाद्यान्न वितरण में अनियमितता पाने पर इनके कृत्य को छ.ग. सार्वजनिक वितरण प्रणाली नियंत्रण आदेश 2016 की कण्डिका 5 (24), 11(5) (6) का स्पष्ट उल्लंघन माना है, जो आवश्यक वस्तु अधिनियम 1955 की धारा 3/7 के तहत दण्डनीय अपराध के श्रेणी में आता है। उन्होंने पुलिस को अनावेदकों के विरूद्ध प्राथमिक सूचना दर्ज करने का आदेश दिया था, जिस पर पुलिस ने 11 अप्रैल को भारतीय न्याय संहिता की धारा 316(5), 318(4), 61(2) बीएनएस व 3, 7 ई.सी. एक्ट का प्रकरण पंजीबद्ध कर लिया है। पंचायत सचिव श्रीमती सीमा जायसवाल जनपद उपाध्यक्ष वाड्रफनगर की पत्नी बताई जा रही हैं।
