न्यायालय ने थाना प्रभारी बलरामपुर को 24 फरवरी को जांच रिपोर्ट प्रस्तुत करने का आदेश दिया
अंबिकापुर। 143 एकड़ जमीन घोटाले में बलरामपुर न्यायिक दंडाधिकारी के न्यायालय में 37 लोगों के विरुद्ध अपराध पंजीबद्ध कराने परिवाद पेश किया गया है। न्यायालय ने थाने से जांच रिपोर्ट मंगाया है। मामला कूट रचित दस्तावेजों के आधार पर ग्राम भनौरा तहसील बलरामपुर में स्थित 143 एकड़ भूमि का विक्रय टुकड़ों में अलग-अलग क्रेता-विक्रेता को करने से जुड़ा है। तत्संबंध में डॉक्टर डी.के. सोनी अधिवक्ता एवं आईटीआई कार्यकर्ता द्वारा 05 फरवरी 2025 को धारा 175 भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 के तहत मय दस्तावेजों के साथ न्यायिक दंडाधिकारी बलरामपुर के न्यायालय में परिवाद प्रस्तुत किया गया है। इसमें किरण सोनवानी, मनोज कुमार गुप्ता, कृष्ण कुमार सिंह पटवारी, करण कुमार, आलोक कुमार गुप्ता, संजय कुमार राठौर उप पंजीयक, बाबूलाल, रामलाल, सुखमनिया, दीप कुमार, मनीष कुमार सिंह पटवारी, उदय कुमार गुप्ता, विनोद, बालेश्वर राम उप पंजीयक, रमेश कुमार यादव, जगत यादव, रीमा गुप्ता, नीरज पाल, उदय कुमार गुप्ता, सिद्धार्थ शंकर मिश्रा उप पंजीयक, कुंजन गुप्ता, चंदन गुप्ता, आशीष कुमार गुप्ता, शांति देवी गुप्ता, पूजा सोनी, राजू पोया राजस्व निरीक्षक, नागेंद्र प्रसाद सोनी, गौतम गुप्ता, अनुराग वैश्य उप पंजीयक, राधिका गुप्ता, बिनु गुप्ता पटवारी, शानू विश्वकर्मा, पंकज गुप्ता के नाम शामिल हंै।
बता दें कि ग्राम पंचायत भनौरा में पुराना खसरा नंबर 93, रकबा 143.3 एकड़ भूमि है, जो साजन पिता बंशी अगरिया, दीपक राम पिता बंशी अगरिया, बाबूलाल पिता राम देनी भुईया, रामलाल पिता राम देनी भुईया, पचाठ पिता लालदेव भुईया, जक्लू पिता लालदेव भुईया, पवन पिता तेजन भुईया एवं रामविलास रामजतन भुईया सभी निवासी ग्राम भनौरा तहसील बलरामपुर जिला बलरामपुर के पूर्वजों के नाम पर था, जिसे रामविलास पिता रामजतन के नाम पर वर्ष 1990-91 में वन विस्थापन के संबंध में वन विभाग के द्वारा अलग से खसरा नंबर क्रमश: 520, 521, 522, 523, 525, 526 आबंटित कर पट्टा प्रदान किया गया। उक्त भूमि खसरा नंबर का बंदोबस्त वर्ष 1996-97 में करके नया खसरा नंबर 218, 222, 239, 240, 241, 220 बनाया गया। उक्त भूमि का पट्टा साजन, दीपक राम दोनों पिता बंशी जाति अगरिया के दादा लालसाय पिता भदवा तथा बाबूलाल, रामलाल दोनों पिता रामदेनी जाति भुईया के भाई जगपत पिता लालदेव तथा पर पचाठ, जक्लू दोनों पिता लालदेव के पिता रामदेनी पिता दिकवा तथा पवन के दादा बंधन पिता रामजीत एवं रामविलास के नाम पर प्रदान किया गया। उपरोक्त वन व्यवस्थापन के तहत प्राप्त पट्टे की भूमि को साजन पिता बंशी अगरिया, दीपक राम पिता बंशी अगरिया, बाबूलाल पिता रामदेनी भुईया, रामलाल पिता रामदेनी भुईया, पचाठ पिता लालदेव भुईया, जक्लू पिता लालदेव भुईया, पवन पिता तेजन भुईया एवं रामविलास पिता रामजतन भुईया बिना सक्षम अधिकारी के अनुमति प्रदान किए दूसरे जाति के व्यक्तियों को फर्जी सेटलमेंट लगाकर कई व्यक्तियों को अलग-अलग विक्रय कर दिए थे। गौचर भूमि 143 एकड़ की जांच कमिश्नर सरगुजा के आदेश के अनुसार कलेक्टर बलरामपुर के द्वारा टीम गठित कर कराया गया, जिसमें शिकायत प्रमाणित पाया गया था। यही नहीं कूटरचित दस्तावेजों के आधार पर विक्रय पत्र का निष्पादन करने की बात जांच रिपोर्ट में आ गई, जो अपराधिक कृत्य है। इसके आधार पर डी.के. सोनी ने न्यायिक दंडाधिकारी बलरामपुर के न्यायालय में आवेदन प्रस्तुत कर संबंधित व्यक्तियों के विरुद्ध अपराध पंजीबद्ध करने का आग्रह किया था। न्यायालय द्वारा अलग-अलग परिवाद में संज्ञान लेते हुए थाना प्रभारी बलरामपुर को 24 फरवरी 2025 को जांच रिपोर्ट प्रस्तुत करने का आदेश दिया है। धारा 175 में न्यायालय को अधिकार है कि वह पुलिस से एवं स्वयं जांच कर अपराध पंजीबद्ध करा सकता है। डॉक्टर डीके सोनी ने बताया कि उक्त मामले में अभी अन्य लोगों के विरुद्ध भी परिवाद पेश किया जाएगा।
