लखनपुर। सरगुजा जिले के लखनपुर वन परिक्षेत्र द्वारा कटिंदा, लोसंगा, रेहला के बीटों में विभिन्न कार्यों वन संरक्षण, जल संवर्धन, जंगल में आग बुझाने के लिए कैंपा एवं अन्य योजना से मजदूर लगाए गए थे, जो मजदूरी के लिए कार्यालय का चक्कर काट रहे हैं, वहीं विभाग के जिम्मेदार भुगतान बकाया नहीं होने की बात कह रहे हैं।
मानमती, चन्द्रमति, धनेश्वरी, सुमित्रा, समपति, पतागों, सीता, दुहनी, सुहवाई, प्रमिला जंगलों के आसपास गांव में रहते हैं, जो 3 वर्षों से लगातार जंगलों में पौधारोपण, गड्ढा खुदाई, गौठान, जंगलों में पानी रोकने के लिए पत्थर और मिट्टी का काम कर रहे हैं, इनका लाखों रुपये का हाजिरी भुगतान वन विभाग के कर्मचारी द्वारा बनाया गया लेकिन भुगतान नहीं किया गया। आधा-अधूरा भुगतान खाते में कुछ नगद किया गया है। वन विभाग के कर्मचारी द्वारा बाकी भुगतान बाद में करने के लिए कहा गया था और इनसे लगातार काम करा रहा था। त्यौहार का समय करीब आने पर जब इन्होंने मजदूरी भुगतान करने की मांग की, तो टालमटोल किया जा रहा है। कई बार वन कार्यालय से संपर्क करने के बाद भी इनके मजदूरी का भुगतान नहीं हो पाया है। मजदूरी की मांग को लेकर महिलाएं कटिंदा ग्राम के सरपंच जमुना प्रसाद के पास भी गई थीं, सरपंच के द्वारा बैंक में जाकर मजदूरों का खाते को डिटेल चेक कराया गया, जिसमें कुछ हफ्ते का भुगतान खाता में इंट्री मिला है।
बयान
मजदूरों के द्वारा किए गए कार्य का भुगतान कर दिया गया है। मजदूरी भुगतान किसी का बकाया है, तो यह जांच का विषय है।
मेरी लीना लकड़ा, वन परिक्षेत्राधिकारी
