अधिवक्ता व आरटीआई कार्यकर्ता की शिकायत पर संभागायुक्त ने दिए जांच के आदेश
अंबिकापुर। बलरामपुर जिले के खनिज शाखा में खनिज अधिकारियों एवं वहां पदस्थ आरटीआई शाखा के लिपिक तथा अन्य पदस्थ कर्मचारियों ने ठेकेदार तथा क्रशर संचालकों से मिलीभगत करके दस्तावेजों को आग के हवाले करने का आरोप डॉक्टर डीके सोनी अधिवक्ता एवं आरटीई कार्यकर्ता ने लगाया है। बीते 12 अगस्त को तत्संबंध में एक शिकायत पत्र आयुक्त सरगुजा संभाग अंबिकापुर के समक्ष प्रस्तुत करके प्रथम सूचना पत्र दर्ज कराने का आग्रह किया गया था। पत्र में उल्लेख है कि खनिज शाखा बलरामपुर कंपोजिट बिल्डिंग बलरामपुर में संचालित होता है। उक्त बिल्डिंग की सुरक्षा भी की जाती है, इसके बाद भी कुछ लोगों के द्वारा यहां आग लगवा दिया गया, इसकी जांच हो रही है।
डॉ. डीके सोनी ने आगे कहा है कि माइनिंग शाखा में पदस्थ अधिकारी एवं लिपिक, कर्मचारियों की मिलीभगत के बिना खनिज शाखा के दस्तावेजों में आग लगाना संभव नहीं था, जिन दस्तावेजों में आग लगा, उसमें 1000 करोड़ से ऊपर के रॉयल्टी क्लीयरेंस में गड़बड़ी से जुड़े हुए दस्तावेज थे। उक्त दस्तावेजों को जानबूझकर ऐसी जगह पर रखा गया था, जिसे खिड़की से आग के हवाले किया जा सके। उन्होंने पत्र में उल्लेख किया है कि खनिज शाखा में पदस्थ अधिकारी व संबंधित शाखा के लिपिक की संलिप्तता प्रमाणित है, चूंकि उनके द्वारा स्वयं ग्राम भेसकी में स्थित क्रशर के संबंध में जानकारी सूचना के अधिकार के तहत मांगी गई थी। जानकारी देने में हीला-हवाला जानबूझकर किया जा रहा था, जिस पर अपर कलेक्टर के द्वारा 24 अगस्त को चाही गई जानकारी दिए जाने का आदेश दिया गया था। जानकारी ना देना पड़े इस कारण खनिज शाखा में आग लगवा दिया गया, क्योंकि चाही गई जानकारी प्रदान कर दी जाती तो ग्राम भेसकी में स्थित महामाया क्रशर में हुए अवैध खनन व करोड़ों रुपये के शासन की माइनिंग राशि की चोरी का पर्दाफास हो जाता। उन्होंने खनिज शाखा के द्वारा की गई गड़बड़ियों की लंबी फेहरिश्त से अवगत कराया है। हालांकि जांच में शामिल एक अधिकारी की मानें तो घटना में विभाग के कर्मचारी भी शामिल हंै, क्योंकि रिकॉर्ड रूम में ज्यादातर वही दस्तावेज जले हैं जिसमें गड़बड़ी हुई है। इसमें पीट पास रॉयल्टी क्लीयरेंस के अलावा ईंट भ_े और रेत खदानों तथा क्रशर से संबंधित रिकॉर्ड थे। श्री सोनी ने कहा है कि रॉयल्टी क्लीयरेंस सरगुजा से लेकर जशपुर जिले का यहां से रॉयल्टी क्लीयरेंस जारी हुआ है, जिसको छिपाने के लिए आगजनी को अंजाम दिया गया है। उन्होंने बताया है कि मामले की जांच में पता चला है कि यहां के पूर्व एडिशनल कलेक्टर एसएस पैकरा की भी इसमें संलिप्तता है, जो वर्तमान में रिटायर हो चुके हैं। इसके अलावा खनिज शाखा में पदस्थ पूर्व अधिकारियों के की भी फर्जीवाड़ा में सहभागिता है। संभाग आयुक्त सरगुजा ने डॉ. डीके सोनी की शिकायत पर कलेक्टर बलरामपुर-रामानुजगंज को आवेदन पत्र में उल्लेखित तथ्यों की जांच कराने और नियमानुसार कार्रवाई कर 15 दिवस के भीतर जांच प्रतिवेदन कार्यालय को उपलब्ध कराने का आदेश दिया है।
