अंबिकापुर। सरगुजा के प्रभारी मंत्री ओपी चौधरी को महामाया पहाड़ पुनरुत्थान समिति के सदस्यों ने ज्ञापन सौंप कर महामाया पहाड़ की वर्तमान स्थिति से अवगत कराया और इसके संरक्षण व संवर्धन के लिए एक नया प्रोजेक्ट तैयार कर इस दिशा में पहल करने की मांग की। समिति ने महामाया पहाड़ की वर्तमान स्थिति का जिक्र करते हुए ज्ञापन में बताया है कि प्रशासन की उदासीनता के कारण महामाया पहाड़ पर कब्जे की होड़ मची हुई है। महामाया पहाड़ी शृंखला के आसपास के गांवों में 50 प्रतिशत से भी कम भूमि शेष है, जो कब्जे से बची हुई है। यदि अब भी इसे संरक्षित नहीं किया गया तो अंबिकापुर शहर के आसपास का शुद्ध प्राकृतिक वातावरण नष्ट हो जाएगा। महामाया पहाड़ को बचाने के लिए सरकार की ओर से पहल किया जाना अत्यंत आवश्यक है।
विगत दिनों महामाया वन पुनरुत्थान समिति के तत्वाधान में एक बड़ी बैठक कैलाश मंगलम में आयोजित की गई थी, जिसमें शहर के गणमान्य नागरिक, बुद्धिजीवी, पर्यावरण विद् उपस्थित हुए। बैठक में इस वर्ष के प्रचंड तापमान को गंभीर चिंता का विषय बताते हुए महामाया पहाड़ के संरक्षण, संवर्धन पर अविलंब कार्य करने का प्रस्ताव पास हुआ। समिति के सदस्यों द्वारा बैठक के उपरांत महामाया पहाड़ परिक्षेत्र अंतर्गत आने ग्राम सोनपुर, रनपुर खुर्द, खैरबार, बधियाचुआं कांति प्रकाशपुर, मानिक प्रकाशपुर व लालमाटी का दौरा किया और कहा कि महामाया पहाड़ को बचाने के लिए सरकार की ओर से पहल किया जाना अब अत्यंत आवश्यक है। प्रभारी मंत्री को ज्ञापन देने के दौरान निलेश सिंह, विनोद हर्ष, राकेश तिवारी, निशांत गुप्ता, मोनू गुप्ता, विशाल दूधनाथ गोस्वामी सहित अन्य सदस्य उपस्थित रहे।