ऑनलाइन ठगी के मामलों में तत्काल शिकायत दर्ज कराने हेल्पलाइन नंबर 1930 पर संपर्क करें
पुलिस अधीक्षक योगेश पटेल ने साइबर अपराधियों के कृत्यों को साझा किया

अंबिकापुर। साइबर अपराधियों द्वारा ईजाद किए जा रहे नए ठगी के तरीकों से बचाव के लिए पुलिस अधीक्षक सरगुजा योगेश पटेल ने आम नागरिकों से बच्चों को डिजिटल अरेस्ट करने सहित सेक्स्टॉर्शन एवं साइबर बुलिंग जैसी घटनाओं से सजग रहने का आग्रह किया है। उन्होंने ऑनलाइन वित्तीय लेन-देन दौरान किसी संदिग्ध गतिविधि की आशंका होने पर तत्काल नजदीकी थाना व पुलिस चौकी में रिपोर्ट दर्ज करवाने कहा है, जिससे मामले में त्वरित कार्रवाई की जा सके। पुलिस अधीक्षक ने कहा है कि साइबर अपराध के प्रति स्वयं को जागरूकव सजग रहना होगा, ताकि ऐसे मामलों में कमी आ सके। ऑनलाइन ठगी के मामलों में तत्काल शिकायत दर्ज कराने हेतु हेल्पलाइन नंबर 1930 पर संपर्क करने कहा गया है।
आम नागरिकों को साइबर अपराधों के नए तरीकों से आगाह कराते हुए ठगी से बचने पुलिस अधीक्षक योगेश पटेल ने अपील जारी की है और कहा है कि इंटरनेट की सहायता से जहां लोगों के काम आसान हुए हैं, वहीं ऑनलाइन ठगी के मामले भी बढ़े हैं। अलर्ट रहने के बावजूद लोग ऑनलाइन ठगी के शिकार हो रहे हैं। ठगों के द्वारा लोगों को कई प्रकार के झांसे में लेकर धोखे से अकाउंट में पैसे ट्रांसफर करवाया जा रहा है और ऑनलाइन ठगी की जा रही है। ठगी करने के लिए जालसाज नए तरीके ईजाद कर रहे हैं, लेकिन थोड़ी सी सावधानी से लोग अपने मेहनत की कमाई बचा सकते हैं। साइबर ठगी के नए तरीके और उनसे बचाव के लिए आम नागरिकों को सतर्क रहने एवं सुरक्षात्मक उपाय को नजरअंदाज नहीं करने की सलाह दी गई है।
आपके बच्चे दूसरे शहरों में हैं तो रहें सावधान
साइबर ठगों द्वारा ऑनलाइन फ्रॉड का एक नया तरीका सामने लाया गया है, जिसमें ठग बाहर पढ़ने गए बच्चों के संबंध में कई जानकारियां इक_ी करके अभिभावकों को फोन करते हैं और बच्चों के किसी पुलिस केस में फंसने अथवा एक्सीडेंट होने जैसी बात कहकर भावनात्मक धमकी अभिभावकों को दी जाती है। इसके बाद ऑनलाइन ट्रांजेक्शन के माध्यम से भारी-भरकम रकम ठगी करने का प्रयास करते हैं। ऐसे अनजान कॉल एवं ठगों से सतर्क रहने की आवश्यकता है, नहीं तो भारी नुकसान झेलना पड़ सकता है। पुलिस अधीक्षक ने किसी भी अपरिचित व्यक्ति को ऑनलाइन रकम लेन-देन करने से पहले बच्चे से संपर्क कर घटना की जानकारी प्राप्त करने का आग्रह किया है। बच्चों से संपर्क ना हो पाए तो बच्चे के दोस्त, क्षेत्रीय पहचान वाले व्यक्ति, मकान अथवा रूम मालिक, स्कूल, कॉलेज से जानकारी प्राप्त करने, फिर भी संपर्क नहीं होने पर नजदीकी थाना व चौकी में अपनी शिकायत दर्ज करवाने एवं पुलिस सहायता प्राप्त करने का आग्रह किया है।
हैलो मैं पुलिस…आपका बच्चा नशे के अपराध में फंस गया है  
पुलिस अधीक्षक योगेश पटेल ने बताया कि आजकल साइबर ठगों द्वारा अभिभावकों को उनके बच्चों के नशे के अपराध में फंसने की फर्जी सूचना देकर भारी-भरकम रुपये की मांग की जा रही है। फोन करने वाला स्वयं को पुलिस अधिकारी बताता है, जो वास्तव में फर्जी व्यक्ति, ठग रहता है। इसके द्वारा केस से मुक्त करने के एवज में भारी-भरकम रुपये की मांग की जाती है। ऐसे मामलों की सूचना तत्काल नजदीकी थाना, चौकी में दी जानी चाहिए, ताकि वे ठगी का शिकार होने से बच सकें।
पहले दोस्ती फिर सेक्सटार्सन में फंसाकर ऐंठ रहे रुपये  
सेक्सटार्सन के जरिए साइबर अपराधी लोगों को ठगी का शिकार बना रहे हैं। साइबर ठग पहले सोशल मीडिया साइट पर परिचय करते हैं, फिर इंटरनेट कॉलिंग, व्हाट्सअप कॉलिंग के जरिए विडियो कॉल करते हैं, फिर साइबर ठगों द्वारा अनजान व्यक्तियों का कई तरह से बातें करते हुए क्लिप या फोटो ले लिया जाता है। इसके बाद फोटो, वीडियो को एडिट कर सगे संबंधियों एवं जान-पहचान के व्यक्तियों में वायरल करने की धमकी देकर अपने खाते में ऑनलाइन ट्रांजेक्शन कर पैसे वसूलते हैं या फिर खुद को पुलिस अधिकारी बताते हुए लड़की की शिकायत पर कार्रवाई करने की धमकी देते हुए लोगों से सेक्सटॉर्सन कर ठगी की घटना को अंजाम देते हैं। ऐसे मामलों से बचने हेतु अपने सोशल मीडिया साइट को लॉक रखने और अनजान लोगों से इंटरनेट मीडिया में मित्रता नहीं करने का आग्रह किया गया है। ऐसे किसी भी प्रकार के वॉइस कॉलिंग या वीडियो कॉल को अस्वीकार करके ऐसे जालसाजों से बचा सकता है। पुलिस अधीक्षक ने कहा है अगर सावधानी पश्चात भी ऐसी घटना होती है, तो तत्काल नजदीकी पुलिस थाना से संपर्क करें एवं किसी प्रकार का लेनदेन न करें। अनजान कॉल ठगी का प्रमुख कारण हो सकते हैं।
करोड़पति बनने के झांसे न आएं, हो जाएंगे कंगाल
साइबर ठगों द्वारा भोले-भाले ग्रामीणों ही नहीं शहर के लोगों को भी कौन बनेगा करोड़पति में भारी-भरकम प्राइज मनी जीतने की बात कहकर झांसे में लिया जाता है और प्रोसेसिंग फीस एवं तमाम टैक्स के नाम पर ठगी की जाती है। पुलिस अधीक्षक ने आम नागरिकों से ऐसे झांसे से दूर रहकर ऑनलाइन सूचना, फर्जी लेटर एवं फर्जी कॉल पर ध्यान नहीं देने कहा गया है। पुलिस अधीक्षक ने कहा है कि बड़ी ईनामी राशि जीतने की बात कहने वालों की नजर आपके मेहनत की कमाई पर रहती है। ऐसे फर्जी सूचनाओं से सावधान रहें और नजदीकी थाना, चौकी में ऐसे मामलों की जानकारी दें।
फर्जी वेबसाइट के जरिए फ्रेंचाइजी देने के नाम पर ठगी
वर्तमान में फर्जी वेबसाइट के माध्यम से किसी कंपनी की फ्रेंचायजी देने का झांसा देकर लोगों को बड़ी रकम की ठगी का शिकार बनाने का गोरखधंधा भी फल-फूल रहा है। ऐसे मामलों में कंपनी की वास्तविक मेल आईडी एवं ओरिजनल वेबसाइट की जांच कर कंपनी से संपर्क करने में सावधानी बरतने व ऑनलाइन वित्तीय लेन-देन में सतर्कता बरतने पुलिस अधीक्षक ने आगाह कराया है। साथ ही ऑनलाइन लेन-देन संबंधी मामलों में रकम प्राप्त करने वाले व्यक्ति से मौके पर जाकर स्थिति की जांचने और पूर्ण सत्यता, जांच के पश्चात ही किसी प्रकार का वित्तीय लेन-देन करने का आग्रह किया गया है।
साइबर क्राइम से बचने इन तरीकों को अपनाएं
किसी भी क्यूआर कोड और यूपीआई पिन का उपयोग सिर्फ पेमेंट करने के लिए होता है, राशि प्राप्त करने के लिए नहीं। ठग आजकल क्यूआर कोड भेजकर ठगी कर रहे हैं। अनचाहे मैसेज लिंक को ओपन ना करें, ना ही ओटीपी शेयर करें। एटीएम पिन और इंटरनेट बैंकिंग का पासवर्ड किसी से साझा ना करें और समय-समय पर बदलते रहें। डेबिट-क्रेडिट कार्ड के सीवीवी नंबर को मोबाइल पर ट्रांजेक्शन के समय हाइड करके रखें। अनजान लिंक्स पर क्लिक करने से बचें, अनजान व्यक्ति द्वारा कोड, ओटीपी या पिन पूछने पर ना बताएं। किसी भी अनजान व्यक्ति के कहने पर अपने मोबाइल में किसी भी तरह के एप्लिकेशन इंस्टॉल करने से बचें। गूगल पर कस्टमर केयर का नंबर सर्च ना करें, सिर्फ कंपनी की ऑफिशियल वेबसाइट पर ही सर्च करें। ऑफर, कैशबैक या डिस्काउंट आदि के लिए कूपन कोड या अन्य किसी लालच में फंसने से बचें। ऑनलाइन ठगी और बैंकिंग संबंधी फ्रॉड होने पर तुरंत बैंक में रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर से शिकायत के लिए टोल फ्री नंबर 1930 पर शिकायत करें। साइबर अपराध से बचाव के लिए खुद जागरूक रहें, तभी सुरक्षा संभव है।

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